ट्रेन में 7 तरह की होती है वेटिंग लिस्‍ट, सबसे पहले कौन सी होगी कन्‍फर्म

वेटिंग लिस्ट का मतलब होता है कि आपसे पहले कुछ लोग हैं जो कतार में हैं और जब उनकी टिकट कंफर्म हो जाएगी तब सीट खाली रहने पर आपको पक्की टिकट दी जाएगी. वेटिंग लिस्ट नंबर अगर बहुत लंबी हो तो कंफर्म टिकट मिलना काफी मुश्किल होता है. वहीं, छोटी वेटिंग लिस्ट नबंर आने पर आपके टिकट कंफर्मेशन के चांस बढ़ जाते हैं. यहां वैसे एक और पेंच होता है. अलग-अलग टाइप की वेटिंग लिस्ट भी यह तय करती है पहले कौन सी टिकट कंफर्म होगी. आइए इनके बारे में जानते हैं.

  • GNWL- ये जनरल वेटिंग लिस्ट होती है. अगर आपकी ट्रेन से यात्रा करने वाला कोई कंफर्म्ड यात्री अपनी टिकट रद्द करेगा तो आपको उसकी सीट दे दी जाएगी. बशर्ते आपसे पहले वेटिंग लिस्ट में कोई और न हो.
  • TQWL- तत्काल में टिकट बुक करने के बावजूद वेटिंग मिलने पर उसे तत्काल वेटिंग लिस्ट (TQWL) कहा जाता है. इस टिकट के कंफर्म होने की संभावना बहुत कम होती है.
  • PQWL- पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट. ये लिस्ट जनरल लिस्ट से अलग होती है. इसमें वह यात्री डाले जाते हैं जो शुरुआती और अंतिम स्टेशन के बीच में चढ़ने-उतरने वाले होते हैं. मसलन, दिल्ली से कोलकाता जा रही ट्रेन में से लखनऊ से ट्रेन पकड़कर पटना में उतरने वाले यात्री.
  • RLWL- रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट. छोटे स्टेशनों को ट्रेन में सीट का कोटा मिलता है. ये स्टेशन दूर-दराज के इलाकों में होते हैं और वहां से ट्रेन पकड़ने वाले इस लिस्ट में डाले जाते हैं. इसके कंफर्म होने की संभावना काफी अधिक होती है.
  • RSWL- ऐसी वेटलिस्ट जो ट्रेन के शुरुआत वाले स्टेशन से मिलती है उसे रोड साइट वेटलिस्ट कहा जाता है. मसलन, नई दिल्ली-रांची राजधानी में दिल्ली से ट्रेन बोर्ड करने वाले को इस वेटिंग लिस्ट में डाला जाएगा.
  • NOSB- नो शीट बर्थ. ये दरअसल वेटिंग लिस्ट नहीं है. ये टिकट का एक टाइप है जिसमें 12 साल से कम उम्र के बच्चों को आधा किराया लेकर सफर करने की अनुमति मिलती है. हालांकि, इसमें सीट नहीं दी जाती है.
  • RAC- रिजर्वेशन अंगेस्ट कैंसिलेशन. इसमें 1 ही सीट 2 यात्रियों को आधी-आधी दी जाती है. जैसे ही कोई कंफर्म टिकट कैंसिल होती है सबसे पहले इन्हीं लोगों की टिकट कंफर्म की जाती है और पूरी सीट दे दी जाती है. इसके कंफर्म होने की संभावना सबसे अधिक होती है.

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