भारत पर ट्रंप के टैरिफ की इसलिए भी ज्यादा चर्चा हो रही है, क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रे्ड पार्टनर हैं और दोनों देशों के संबंध रणनीतिक भागीदारी के स्तर पर हैं। अमेरिकी मीडिया में भी भारत पर टैरिफ को लेकर हैरानी है और अमेरिकी ब्रॉडकास्टर सीएनएन ने भारत पर टैरिफ की खबर को प्रमुखता से कवर किया है।
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अमेरिका में और बढ़ेंगी कीमतें सीएनएन ने विश्लेषकों के हवाले से लिखा है कि टैरिफ विवाद से अमेरिका ने भारत को खो दिया है और इसका नतीजा बहुत बुरा होने वाला है।
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लेख में कहा गया कि रूसी तेल (india russia oil trade) की खरीद को लेकर ट्रंप का भारत पर टैरिफ लगाना भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए स्वीकार करना खास तौर पर मुश्किल रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ट्रंप के पहले कार्यकाल में दोनों नेताओं के रिश्ते बहुत अच्छे थे। विश्लेषकों का कहना है कि भारत को खोना अमेरिकी हितों के लिए बेहद बुरा साबित होने वाला है।
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'ट्रंप हैं कि समझ ही नहीं रहे'