कुछ लोग एक जैसी परिस्थितियों में रहने के बावजूद लम्बा और स्वस्थ जीवन व्यतीत करते हैं। इसका रहस्य जीन में छुपा है। जीन एक ब्लूप्रिंट की तरह हैं जो शरीर के विकास और काम करने के तरीके को निर्देशित करते हैं। नए अध्ययन से पता चला है कि 85 वर्ष से अधिक आयु के कुछ भारतीयों में ऐसे विशेष जीन होते हैं जो उन्हें लम्बे समय तक स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।
क्या कहना है शोधकर्ताओं का
शोधकर्ताओं के अनुसार कुछ जीन इस बात को प्रभावित करते हैं कि हम बढ़ती उम्र के साथ कितना स्वस्थ जीवन व्यतीत करते हैं और कितने लंबे समय तक जीवित रहते हैं। ये विशेष जीन हमारे शरीर को नुकसान से बचाने के साथ-साथ हमारी कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
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देखा जाए तो ये जीन धीमी हृदय गति और कमजोर हड्डियों के साथ सिजोफ्रेनिया और चिंता जैसी बीमारियों के कम जोखिम से जुड़े हैं। ये असाधारण आनुवंशिक लक्षण युवाओं की तुलना में लंबे समय तक जीवित रहने वाले बुजुर्गों में अधिक आम होते हैं। शोधकर्ताओं के एक दल ने इस अध्ययन में भारत में 85 वर्ष या उससे अधिक आयु के 133 लोगों का अध्ययन कर देश के सबसे बड़े जेनेटिक डेटाबेस जीनोमेगाडीबी से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग किया है। इस दौरान तुलनात्मक समूह के रूप में 18 से 49 वर्ष की आयु के लोगों के 1,134 जीनोम के नमूनों का भी अध्ययन किया है।
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