• Wed, Sep 2025

बीच जंग में फ्रांस ने दिया इजराइल को धोखा, बोला- मुसलमानों को मारने के लिए नहीं देंगे हथियार

बीच जंग में फ्रांस ने दिया इजराइल को धोखा, बोला- मुसलमानों को मारने के लिए नहीं देंगे हथियार

गाजा में इजराइल की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ विरोध अब इंटरनेशनल लेवल पर दिखने लगा है. फ्रांस के दक्षिणी बंदरगाह फोस-सुर-मेर में डॉक वर्कर्स ने इजराइल के लिए जा रही हथियारों की खेप को लोड करने से साफ इनकार कर दिया. यह कदम न सिर्फ इजराइल के लिए झटका है, बल्कि फ्रांस सरकार की नीति पर भी सवाल खड़ा करता है

फ्रांस के मार्सेई के पास स्थित फोस-सुर-मेर बंदरगाह पर डॉक वर्कर्स ने इजराइल के लिए भेजे जा रहे मशीन गन लिंक के 19 पैलेट्स को लोड करने से मना कर दिया. ये छोटे मेटल लिंक मशीनगनों में गोलियों की तेज फायरिंग के लिए इस्तेमाल होते हैं. यूनियन CGT ने कहा कि वे इजराइल सरकार द्वारा किए जा रहे नरसंहार में शामिल नहीं हो सकते.

मजदूरों के नेता का बड़ा फैसला
डॉक वर्कर्स के नेता क्रिस्टोफ क्लेरे ने बताया कि उन्हें गुरुवार को इस खेप के आने की जानकारी दी गई थी. उन्होंने एएफपी मीडिया से कहा कि हमने उसे पहचान लिया और अलग रख दिया. जब डॉक वर्कर्स किसी खेप को लोड करने से मना करते हैं, तो उसे कोई और नहीं छू सकता. हालांकि बाकी कंटेनर्स को जहाज में लोड कर दिया गया.
CGT यूनियन की महासचिव सोफी बिनेट ने इस फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे साथियों की यह कार्रवाई फ्रांस के अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मूल्यों का प्रतीक है. सरकार को तुरंत इजराइल को हथियारों की आपूर्ति पर रोक लगानी चाहिए. यह बयान स्ट्रासबर्ग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया गया.

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फ्रांस की इन पार्टियों ने भी दिया साथ
इस कदम की सराहना फ्रांस की लेफ्ट विंग पार्टियों ने भी की है. सोशलिस्ट पार्टी के नेता ओलिवियर फॉर ने कहा कि ह्यूमनिज्म बिकाऊ नहीं है. इधर मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल और मई में भी ऐसे ही दो हथियार शिपमेंट इजराइली बंदरगाह हैफा भेजे जा चुके हैं.

फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने किया ये दावा
फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नु ने दावा किया था कि ये पुर्जे सिर्फ ट्रांजिट में हैं और इजराइली सेना द्वारा इस्तेमाल नहीं किए जाएंगे. लेकिन अधिकारिक जवाबदेही और पारदर्शिता के अभाव में ऐसे दावों पर संदेह गहराता जा रहा है. इस बीच, Eurolinks कंपनी ने AFP के सवालों का जवाब नहीं दिया है.

फ्रांस का यह कदम इजराइल के लिए एक कूटनीतिक झटका है. गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच फ्रांस जैसे देश से इस तरह की सार्वजनिक असहमति इजराइल की वैश्विक स्थिति को प्रभावित कर सकती है. साथ ही, यह फैसला भविष्य में यूरोपीय हथियार डिप्लोमेसी को भी दिशा दे सकता है.