कई राज्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डोमिसाइल नीति लागू
छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार में भी अन्य राज्यों की तरह डोमिसाइल नीति लागू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डोमिसाइल नीति लागू है। वहां स्थानीय युवाओं को नौकरी में प्राथमिकता दी जाती है, तो फिर बिहार में ऐसा क्यों नहीं हो सकता?" उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग-धंधों और फैक्ट्रियों की भारी कमी है। ऐसे में अगर बिहार के युवाओं को सरकारी नौकरियों में भी बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों से मुकाबला करना पड़े, तो यह न्यायसंगत नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर बिहार में डोमिसाइल नीति लागू नहीं होती, तो बाकी राज्यों की भी डोमिसाइल नीति खत्म होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द सभी भर्तियों में डोमिसाइल नीति लागू करे। बीपीएससी टीआरई-4 (शिक्षक भर्ती परीक्षा) के लिए भी डोमिसाइल लागू की जाए।
टीआरई-4 की वैकेंसी निकालने की मांग
छात्र नेता ने यह भी कहा कि चुनाव से पहले टीआरई-4 की वैकेंसी निकाली जाए और उसे जल्द से जल्द चुनाव से पहले पूर्ण किया जाए। इसके साथ ही बिहार में जितने भी सरकारी पद खाली हैं, उन पर डोमिसाइल नीति के तहत विज्ञापन जारी किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते मांग नहीं मानी तो छात्र मजबूर होकर वोट का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने दोहराया कि जब तक सरकार हमारी मांग पूरी नहीं करती, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम 'डोमिसाइल नहीं तो वोट नहीं' के नारे के साथ अपने हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
नवभारत टाइम्स
Patna Student Protest: चुनाव से पहले फिर गरमाया डोमिसाइल नीति का मुद्दा, छात्रों ने किया खूब हंगामा
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