राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस में दोनों देशों के मजूबत नेता नजर आने वाले हैं। सिंगापुर का प्रतिनिधित्व उप प्रधान मंत्री और व्यापार और उद्योग मंत्री गण किम योंग; राष्ट्रीय सुरक्षा के समन्वय मंत्री और गृह मंत्री के. शणमुगम ,विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन, डिजिटल विकास और सूचना मंत्री जोसेफिन टीओज, नशक्ति मंत्री और ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रभारी मंत्री टैन सी लेंग; और कार्यवाहक परिवहन मंत्री और वित्त राज्य मंत्री जेफरी सिओ करेंगे। वहीं, भारत के प्रतिनिधिमंडल में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण; विदेश मंत्री एस जयशंकर; वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल; और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल होंगे।
इन क्षेत्रों में भारत-सिंगापुर के रिश्ते हुए मजबूत
ये साल भारत और सिंगापुर के कूटनीतिक रिश्तों के लिए भी खास रहने वाला है, जिसे 60 साल पूरे होने वाले हैं। वहीं, देश की रणनीतिक साझेदारी को 10 साल भी पूरे हो रहे हैं। भारत और सिंगापुर ने 2005 में 20 बिलियन का व्यापार किया था, जोकि 2023 में 52.2 बिलियन हो गया। वहीं, भारत के सबसे बड़े विदेशी निवेशक के तौर पर सिंगापुर को देखा जाता है। वहीं, भारत कंपनियों ने भी सिंगापुर में काफी निवेश किया है। दोनों देशों ने पे नाऊ औऱ यूपीआई को जोड़कर रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम बनाया। इतना ही नहीं दोनों ने मिलकर चिप मैन्युफैक्चरिंग का काम भी बखूबी किया। ऐसे में उम्मीद है कि इस तीसरी राउडटेबल में भी कुछ ऐसे समझौते होंगे जोकि भारत और सिंगारपुर के रिश्ते को मजबूत करेंगे। साथ ही इस दौरान अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ को लेकर भी बातचीत होने की उम्मीद है। साथ ही उससे निपटने के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।