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भारत-यूरोप के बीच व्यापार समझौता आज से लागू, क्या-क्या चीजें होंगी सस्ती

भारत-यूरोप के बीच व्यापार समझौता आज से लागू, क्या-क्या चीजें होंगी सस्ती

भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच हुआ मुक्त व्यापार समझौता (TEPA) बुधवार से प्रभावी हो गया है। इसके तहत अगले 15 वर्षों में भारत में 100 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) करने का वादा किया गया है। यह समझौता 10 मार्च 2024 को नई दिल्ली में हस्ताक्षरित हुआ था। EFTA में स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन शामिल हैं।

14 चैप्टर वाला यह समझौता टैरिफ कटौती, सेवा क्षेत्र में उदारीकरण, बौद्धिक संपदा अधिकार और सतत विकास जैसे पहलुओं को कवर करता है। EFTA ने 92.2% टैरिफ लाइनों को खोल दिया है, जो भारत के 99.6% निर्यात को कवर करती हैं। भारत ने 82.7% टैरिफ लाइनों को उदार बनाया है, जो EFTA के 95.3% निर्यात को कवर करती हैं। संवेदनशील क्षेत्रों जैसे फार्मा, मेडिकल डिवाइस, डेयरी, सोया, कोयला और व्यापक कृषि को सुरक्षा प्रदान की गई है।


भारत को होने वाले फायदे
भारतीय निर्यातकों को प्रोसेस्ड फूड, चावल, ग्वारगम, दालें, समुद्री उत्पाद, वस्त्र, इंजीनियरिंग सामान, केमिकल और मशीनरी में अवसर मिलेंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स और उच्च मूल्य इंजीनियरिंग क्षेत्र को भी लाभ होगा। घरेलू ग्राहकों को अब स्विस घड़ियां, चॉकलेट, बिस्किट और क्लॉक्स जैसी उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुएं सस्ती मिलेंगी, क्योंकि इन पर अगले 10 वर्षों में आयात शुल्क धीरे-धीरे समाप्त कर दिया जाएगा।


निवेश और रोजगार
EFTA ने पहले 10 वर्षों में 50 अरब डॉलर और अगले 5 वर्षों में 50 अरब डॉलर निवेश का संकल्प लिया है। इससे भारत में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।

सेवाओं में सहयोग
भारत ने 105 क्षेत्र खोले हैं, जबकि EFTA देशों ने 107 से 128 तक विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिबद्धताएं दी हैं। समझौते के तहत नर्सिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी और आर्किटेक्चर जैसे पेशेवर क्षेत्रों में म्यूचुअल रिकग्निशन एग्रीमेंट्स (MRAs) संभव होंगे। आईटी, बिजनेस सर्विसेज, शिक्षा, सांस्कृतिक और ऑडियो-विजुअल सेवाओं में नए अवसर खुलेंगे।

2024-25 में भारत का EFTA को निर्यात 1.97 अरब डॉलर और आयात 22.44 अरब डॉलर रहा। कुल द्विपक्षीय व्यापार 24.41 अरब डॉलर पर पहुंचा, लेकिन भारत का व्यापार घाटा 20.47 अरब डॉलर का रहा। EFTA में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार स्विट्जरलैंड है, जहां से आयात का बड़ा हिस्सा सोने से जुड़ा है।