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बिकेगा जवाहरलाल नेहरू का पहला घर, बनेगी देश की सबसे बड़ी प्रॉपर्टी डील

बिकेगा जवाहरलाल नेहरू का पहला घर, बनेगी देश की सबसे बड़ी प्रॉपर्टी डील

देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पहले आधिकारिक घर को नया मालिक मिलने जा रहा है. खास बात तो ये है कि ये प्रॉपर्टी डील देश की सबसे बड़ी होने वाली है. मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के लुटियंस बंगला जोन में 17 यॉर्क रोड (अब मोतीलाल नेहरू मार्ग) पर स्थित पहले आधिकारिक घर को जल्द ही एक नया मालिक मिलने की संभावना है. उन्होंने बताया कि जहां मालिक 14,973 वर्ग मीटर की इस संपत्ति के लिए 1,400 करोड़ रुपए करोड़ की मांग कर रहे थे, वहीं घरेलू पेय उद्योग में मजबूत पकड़ रखने वाले एक व्यवसायी ने लगभग 1,100 करोड़ रुपए ये डील पक्की कर ली है. एक प्रमुख लॉ फर्म ने उचित जांच-पड़ताल के प्रोसेस के फाइनल फेज के रूप में एक पब्लिक नोटिस जारी किया है.

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जारी किया नोटिस
नोटिस में कहा गया है कि हमारा मुवक्किल प्लॉट संख्या 5, ब्लॉक संख्या 14, 17, मोतीलाल नेहरू मार्ग (पूर्व में यॉर्क रोड), नई दिल्ली में स्थित 14,973.383 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली आवासीय संपत्ति प्राप्त करने का इच्छुक है और इसके लिए हम उक्त संपत्ति के वर्तमान स्वामियों, राजकुमारी कक्कड़ और बीना रानी के स्वामित्व की जांच कर रहे हैं. उक्त संपत्ति के संबंध में किसी भी अधिकार या स्वामित्व का दावा करने वाला कोई भी व्यक्ति हमें 7 दिनों के भीतर दस्तावेजी प्रमाण के साथ लिखित रूप में सूचित कर सकता है, अन्यथा यह माना जाएगा कि उक्त संपत्ति के संबंध में किसी भी प्रकार का कोई प्रतिकूल स्वामित्व या अधिकार मौजूद नहीं है. राजकुमारी कक्कड़ और बीना रानी राजस्थान के एक पूर्व राजघराने से हैं.
सबसे ज्यादा डिमांड वाली प्रॉपर्टी
एक व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर मीडिया रिपोर्ट में कहा कि अपनी प्रमुख लोकेशन, वीआईपी दर्जे और विशाल क्षेत्रफल के कारण, यह सबसे डिमांड वाली प्रॉपर्टी में से एक है, लेकिन इसकी कीमत के कारण, इसे केवल कुछ ही अरबपति खरीद सकते हैं. इसकी जांच-पड़ताल एक साल से चल रही थी और माना जा रहा है कि यह अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. इस संपत्ति का कुल क्षेत्रफल लगभग 3.7 एकड़ है, जिसमें से लगभग 24,000 वर्ग फुट विकसित है. भारत के पावर कॉरिडोर के सेंटर में स्थित, ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस द्वारा 1912 और 1930 के बीच डिजाइन किया गया एलबीजेड 28 वर्ग किलोमीटर में फैला है और इसमें लगभग 3,000 बंगले हैं. जिनमें मुख्य रूप से मंत्री, न्यायाधीश और सीनियर सरकारी अधिकारी रहते हैं. इस क्षेत्र में लगभग 600 प्रॉपर्टीज प्राइवेट हैं, जो कि भारत के कुछ सबसे धनी व्यक्तियों के पास हैं.