6 जगहों पर परोसा जाता है लंगर
सचखंड एक्सप्रेस करीब 2,000 किलोमीटर की दूरी तय करती है और इस दौरान 39 स्टेशनों पर ठहरती है. यात्रियों को भोजन 6 प्रमुख पड़ावों पर परोसा जाता है- नई दिल्ली, भोपाल, परभनी, जालना, औरंगाबाद और मराठवाड़ा. ट्रेन के स्टॉपेज इस हिसाब से रखे गए हैं कि यात्री आराम से खाना खा सकें. यात्रा का कुल समय करीब 33 घंटे है, और इस दौरान यात्रियों को ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर फ्री में उपलब्ध कराया जाता है.
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भोजन का खर्चा और मेन्यू
ट्रेन में परोसे जाने वाले खाने का खर्चा गुरुद्वारों को मिलने वाले दान से उठाया जाता है. मेन्यू में आमतौर पर कढ़ी-चावल, छोले, दाल, खिचड़ी और आलू-गोभी जैसी सब्जियां शामिल होती हैं. मुफ्त लंगर का लाभ उठाने के लिए यात्री अपने साथ बर्तन भी लेकर चलते हैं. इस तरह जनरल से लेकर एसी बोगियों तक सभी यात्री सफर के दौरान स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन का आनंद ले सकते हैं. सचखंड एक्सप्रेस न केवल धार्मिक यात्रा को आसान बनाती है, बल्कि यात्रियों को बिना खर्च के खाने का सुख भी देती है. यह ट्रेन भारत की रेल सेवा में एक अनोखी पहल के रूप में जानी जाती है, जो श्रद्धालुओं और यात्रियों दोनों के लिए यादगार अनुभव बनाती है.