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बोतल में रखा पानी कितने दिन में हो जाता है खराब, क्या हफ्तों पुराना बोतल का पानी पी सकते हैं, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बोतल में रखा पानी कितने दिन में हो जाता है खराब, क्या हफ्तों पुराना बोतल का पानी पी सकते हैं, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Drinking Old Water From Plastic Bottle Is Safe Or Not: पानी की कोई पुरानी बोतल पड़ी मिल जाती है। कई लोग बिना सोचे-समझे उसी को उठाकर पी लेते हैं और ऐसा मानते हैं कि 'पानी तो कभी खराब नहीं होता।' लेकिन क्या वाकई ऐसा है, क्या हफ्तों पुरानी बोतल का पानी सुरक्षित है या यह हमारी सेहत को खतरे में डाल सकता है?

हेल्थ एक्सपर्ट्स और रिसर्चर्स की मानें तो ऐसा नहीं है। रिपोर्ट्स बताती है कि पानी भले ही प्राकृतिक रूप से खराब न होता हो, लेकिन जिस बोतल या बर्तन में वह रखा है, उसके हिसाब से उसकी शुद्धता (Purity) और सुरक्षा बदल जाती है। खासकर प्लास्टिक की बोतलों में रखा पानी समय के साथ जहर बन सकता है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स सुझाव देते हैं कि पानी हमेशा ताजा पीना ही सबसे सुरक्षित है। जर्नल ऑफ वॉटर एंड हेल्थ (2017) की एक स्टडी में पाया गया था कि पुरानी बोतलों में रखे पानी में सामान्य पानी की तुलना में 100 गुना अधिक बैक्टीरिया मौजूद थे।

पुरानी बोतल का पानी कैसे खतरनाक हो सकता है और इससे पहचानने के सुरक्षित तरीके जानने के लिए हमने दो एक्सपर्ट डॉक्टर्स से बात की - डॉ. श्रेय श्रीवास्तव और सुरक्षिथ टी.के.। जानें हेल्थ एक्सपर्ट्स ने क्या चौंकाने वाली जानकारी हमारे सामने रखी।

प्यास लगी और बोतल उठाकर पानी पी लिया
हम सबकी आदत होती है कि प्यास लगी तो पास में रखी बोतल से ही पानी पी लिया। चाहे वह बोतल कई दिन से कार, जिम बैग या ऑफिस की टेबल पर रखी हो। डॉक्टरों का कहना है कि पुरानी बोतल से पानी पीना आदत बन सकती है लेकिन यह खतरनाक भी है।

बोतल के अंदर बैक्टीरिया (जीवाणु) और वायरस पनप सकते हैं, खासकर अगर बोतल को लंबे समय से साफ न किया गया हो। यह छोटी-सी लापरवाही आपको पेट दर्द, संक्रमण और अन्य बीमारियों की ओर ले जा सकती है।

शारदा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. श्रेय श्रीवास्तव बताते हैं कि पुरानी बोतल से पानी पीना जोखिमभरा है, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया और वायरस आसानी से विकसित हो सकते हैं। जैसे कि ऑफिस ले जाने वाली बोटल को अक्सर हम लोग लंबे समय तक साफ नहीं करते जिससे कि इसमें कीटाणु पनप जाते हैं। अगर बोटल में रखा यही पानी आप दो से तीन दिन के बाद पीते हैं तो आपको पेट दर्द, मरोड़ उठना, पेट में हल्का दर्द रहना जैसी समस्याएं लगातार हो सकती हैं।
तो क्या सच में पानी एक्सपायर होता है?
आमतौर पर लोग ऐसा मानते हैं कि पानी कभी खराब नहीं होता। यह बात आंशिक रूप से सही है, लेकिन पूरा सच नहीं है। यूं तो साफ, फिल्टर किया गया पानी खुद से खराब नहीं होता, परंतु उसका स्वाद और शुद्धता उस बर्तन या बोतल पर निर्भर करती है जिसमें उसे रखा गया है।

अब प्लास्टिक की बोतल को ही लें। अगर पानी इसमें लंबे समय तक रखा रहता है, तो उसमें बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीव (microbes) पैदा हो सकते हैं। यही नहीं बोतल से हानिकारक केमिकल्स जैसे बीपीए (BPA – Bisphenol-A) आदि भी पानी में घुल सकते हैं और इससे पीने के लिहाज से खराब कर सकते हैं।

ये वही रूल है जैसे आप फायदे के लिए तांबे या चांदी के बर्तन में रखा पानी पीते हैं। जब एक बर्तन की खूबियां पानी में आ सकती हैं तो जाहिर है कि प्लास्टिक या अशुद्ध बर्तन की अशुद्धियां भी इनमें रखे पानी में घुस जाती हैं।

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, ओखला में एम.डी. मेडिसिन एवं डीएनबी विभाग के डॉ. सुरक्षिथ टी.के. कहते हैं कि तकनीकी रूप से पानी खराब नहीं होता, लेकिन प्लास्टिक बोतल में रखा गया पानी लंबे समय बाद पीने योग्य नहीं रह जाता। यानी समय के साथ पानी का स्वाद और गंध भी बदल सकती है।

प्लास्टिक की बोतल VS स्टील और कांच की बोतल
डॉक्टर्स की मानें तो पानी को स्टोर करके रखने का हर बर्तन का असर अलग होता है। मगर प्लास्टिक की बोतलें इनमें सबसे असुरक्षित मानी जाती हैं।

प्लास्टिक बोतलों के नुकसान: इनमें मौजूद रसायन गर्मी और समय के साथ पानी में घुल सकते हैं। इससे शरीर पर हार्मोनल असर पड़ सकता है।
स्टील और कांच की बोतलें: इनमें रसायन रिसने का खतरा बहुत कम होता है, इसलिए ये अधिक सुरक्षित हैं। धूप में रखी प्लास्टिक बोतल का पानी और भी खतरनाक हो जाता है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी (2008) के अनुसार, प्लास्टिक से निकला बीपीए (BPA) शरीर के हार्मोन संतुलन को बिगाड़ सकता है।

हेल्थ एक्सपर्ट और साइंस की क्या है राय
स्वास्थ्य एजेंसियां जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) मानती हैं कि कमरे के तापमान पर रखा पानी 24-48 घंटे के बाद बैक्टीरिया से भर सकता है। बोतल को बार-बार खोलने से उसमें हमारे मुंह के कीटाणु भी चले जाते हैं। इस तरह समय के साथ इनमें फंगस और अन्य सूक्ष्मजीव भी पनप सकते हैं।

डॉ. श्रेय श्रीवास्तव इस पॉइंट पर बताते हैं कि पानी को लंबे समय तक बोतल में छोड़ना ठीक नहीं है। यह बैक्टीरिया और रसायनों का घर बन सकता है, जिससे पाचन और सेहत दोनों पर बुरा असर पड़ता है।

दैनिक जीवन पर भी पड़ता है गहरा असर
डॉक्टर्स कहते हैं कि जब हम मरीजों की पेट दर्द, गैस, दस्त आदि की समस्याओं को सुनते और इसके पीछे के कारण को समझते हैा तो कहीं न कहीं ये बड़ी 10-12 दिन पुरानी बोतल का पानी पीने से जाकर जुड़ती है। ऐसा अक्सर बेमौसमी पेट की बीमारियों के मामलों में होता है।

कुछ मरीज याद करके बताते हैं कि पानी का स्वाद बदल गया था या उसमें हल्की बदबू आ रही थी। ऐसे में घर में रखे स्टील के जग का पानी तो कुछ दिन चल सकता है, लेकिन बोतल का पानी उतना भरोसेमंद नहीं होता।

पुरानी बोतल के पानी से होने वाले नुकसान - Side Effects Of Drinking Old Water From Plastic Bottles In Hindi
जब आप पुरीनी बोतल वाला पानी पीते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करता है जैसे,

पेट की समस्याएं: दस्त, उल्टी, गैस्ट्रिक और पेट दर्द।
संक्रमण: बैक्टीरिया और फंगस की वजह से फूड पॉइजनिंग।
माइक्रोप्लास्टिक का खतरा: प्लास्टिक से निकले रसायन शरीर में जाकर लिवर और हार्मोन पर असर डालते हैं।
कमजोर इम्युनिटी वाले लोग: बच्चे और बुजुर्ग ज्यादा जल्दी प्रभावित होते हैं।
जर्नल ऑफ वॉटर एंड हेल्थ (2017) की एक स्टडी में पाया गया कि पुरानी बोतलों में रखे पानी में सामान्य से 100 गुना अधिक बैक्टीरिया पाए गए।

कैसे पहचानें कि पानी पीने लायक नहीं है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कई बार पानी खुद संकेत देता है कि वह अब पीने योग्य नहीं है जैसे,

पानी से अजीब-सी गंध आना।
स्वाद में बदलाव।
हल्की धुंधलाहट या बोतल के अंदर काई जैसी परत।
बोतल के भीतर चिपचिपाहट या फफूंदी जैसे धब्बे।
इस बारे में डॉ. सुरक्षिथ टी.के. चेताते हैं कि यदि पानी में गंध या धुंधलापन दिखे, तो उसे तुरंत फेंक दें। इसे पीना गंभीर संक्रमण को न्योता देना है। ये आपके गट सिस्टम को प्रभावित कर सकता है और साथ ही शरीर में लिवर को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

सुरक्षित रहने के लिए क्या करें और क्या नहीं?
अगर आप चाहते हैं कि पानी सेहतमंद बना रहे, तो कुछ आसान नियम याद रखें।

प्लास्टिक बोतल को बार-बार दोबारा उपयोग (Reuse) न करें।
पानी को हर दिन बदलें।
बोतल को नियमित रूप से साबुन और गुनगुने पानी से धोएं।
स्टील या कांच की बोतल का इस्तेमाल करें।
पानी को हमेशा ठंडी और छायादार जगह पर रखें।
वैसे इस बारे में सीडीसी (CDC) की गाइडलाइन पर भी गौर करना चाहिए। इसके अनुसार, पानी को ठंडे और सूखे स्थान पर रखने से उसमें बैक्टीरिया का खतरा कम हो जाता है।

क्या हफ्तों पुराना पानी पीना सुरक्षित है?
डॉक्टर्स की राय में इस सवाल का जवाब बहुत सीधा है। वह इसे बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं मानते हैं। 1-3 हफ्ते पुराना पानी बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है, खासकर अगर वह प्लास्टिक बोतल में कमरे के तापमान पर रखा गया हो। हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 24 घंटे से ज्यागा पुराना पानी पीना भी ठीक नहीं, तो हफ्तों पुराना पानी तो बिल्कुल भी सेफ नहीं है।

डॉ. श्रेय श्रीवास्तव का कहना है कि बीमार होने से बेहतर है कि सावधानी बरतें और पानी हमेशा ताजा पिएं। पुरानी बोतल का पानी शरीर को फायदा नहीं, बल्कि नुकसान ही पहुंचाएगा। अगर प्लास्टिक बोटल का पानी लेना ही पड़े तो ये सुनिश्चित करें कि इसकी पैकिंग बहुत पुरानी नहीं हो।

पानी पीने में कभी न करें लापरवाही
डॉक्टर्स की राय में पानी जीवन का सबसे बड़ा आधार है, लेकिन जब हम इसे लापरवाही से रखते हैं तो यही अमृत हमारे लिए जहर साबित हो सकता है। प्लास्टिक बोतल में हफ्तों रखा पानी बैक्टीरिया, वायरस और हानिकारक रसायनों का घर बन जाता है। वैज्ञानिक शोध और डॉक्टरों की राय यही कहती है कि पानी हमेशा ताज़ा और सुरक्षित बर्तन में पीना चाहिए।

तो अगली बार जब आपकी कार या ऑफिस टेबल पर कोई पुरानी बोतल मिले, तो याद रखिए नई बोतल भरकर पीना ही सबसे सही और सुरक्षित विकल्प है।

नोट: यह आर्टिकल टॉप न्यूरॉलिस्ट डॉक्टर के साथ बातचीत के आधार पर बनाया गया और उनके द्वारा सत्यापित किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।