9 अरब डॉलर का उघोग
एक बार मंजूरी मिलने के बाद उघोग को जिन भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, वो काफी हद तक कम हो जाएगा. बता दें, भारत का निर्माण उपकरण उघोग करीब 9 अरब डॉलर का है. हाल के दिनों में इस सेक्टर को चीन से आने वाले सस्ते डिवाइस की वजह से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ कैटेगरी जैसे- खुदाई मशीनों (Excavators) में चीनी उपकरणों की हिस्सेदारी लगभग 25% तक पहुंच गई है. टाटा हिटाची जैसी बड़ी घरेलू कंपनियां भी सस्ते आयात को लेकर चिंता जता चुकी हैं.
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ऐसे आत्मनिर्भर बनेगा भारत
इसपर गडकरी ने कहा कि सरकार उन कंपनियों को 10 प्रतिशत एडवांस अमाउंट देने पर विचार कर रही है, जो फ्लेक्स इंजन को और बढ़ावा देगी. इसके साथ ही ऑप्शनल ईंधन पर चलने वाले डिवाइस खरीदने वालों को 0 प्रतिशत ब्याज पर लोन देने की योजना भी बनाई जा रही है.