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चाँद की सिकुड़न:
NASA के अनुसार, चाँद लगातार ठंडा होने के कारण सिकुड़ रहा है। इस सिकुड़न से उसकी सतह पर दबाव बढ़ता है और दरारें तथा टूट-फूट के निशान दिखने लगे हैं।
सतह पर दरारें और झुर्रियाँ
जब चाँद सिकुड़ता है तो उसकी पपड़ी (crust) पर खिंचाव बढ़ता है। इसी वजह से वहाँ झुर्रियाँ और फॉल्ट लाइन्स बनती हैं, जो बड़े पैमाने पर मूनक्वेक्स को जन्म देती हैं।
मूनक्वेक्स क्या होते हैं?
धरती पर भूकंप प्लेटों की हलचल से आते हैं, लेकिन चाँद पर ये उसके अंदरूनी तनाव और सतह की ठंडक से होते हैं। कई बार ये झटके बेहद शक्तिशाली साबित होते हैं।
धरती पर प्रभाव
वैज्ञानिक मानते हैं कि मूनक्वेक्स सीधे धरती पर भूकंप का कारण नहीं बनते। लेकिन, चाँद का गुरुत्वाकर्षण धरती के टेक्टोनिक तनाव और समुद्री ज्वार-भाटों को प्रभावित करता है। अगर चाँद में संरचनात्मक बदलाव हुए तो भविष्य में ज्वार-भाटा और तटीय पारिस्थितिकी बदल सकती है।
भविष्य के लिए चेतावनी
चाँद की यह गतिविधि हमें याद दिलाती है कि अंतरिक्ष की हर वस्तु लगातार बदल रही है। इन परिवर्तनों को समझकर वैज्ञानिक धरती के मौसम, जलवायु और समुद्री जीवन पर पड़ने वाले दीर्घकालिक प्रभावों का बेहतर अनुमान लगा सकते हैं।
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