तेज होंगी बारिश की गतिविधियां
मौसम विभाग की मानें तो मानसून की विदाई से पहले छत्तीसगढ़ में एक बार फिर बारिश की गतिविधियों में तेजी देखी जाएगी। 30 सितंबर से पूरे प्रदेश में तेज बारिश के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया और अंडमान सागर में एक्टिव वेदर सिस्टम के कारण मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।
भारी बारिश का यलो अलर्ट
मौसम विभाग ने धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद रायपुर, बलौदा बाजार, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बिलासपर, कोरबा जिले के अलग-अलग हिस्सों में गरज चमक और तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। कुछ जगहों पर आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं। अचानक तेज हवा चल सकती है। हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक देखी जाने की संभावना है।
बारिश की गतिविधियों में आएगी तेजी
मौसम विभाग के अनुसार, 30 सितंबर से 3 अक्टूबर तक छत्तीसगढ़ में बारिश की गतिविधियों में तेजी देखी जाएगी। इस दौरान अलग-अलग जिलों में भारी बारिश देखी जा सकती है। 30 सितंबर को उत्तरी अंडमान सागर में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन उभरने से बंगाल की खाड़ी के उत्तर और आसपास के मध्य भाग में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इधर मौसम में आए बदलाव से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है।
उफान पर नदियां
मौसम विभाग के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस दुर्ग और सबसे कम न्यूनतम तापमान 21.0 डिग्री सेल्सियस राजनांदगांव में दर्ज किया गया है। बीते 24 घंटे में बस्तर, कोंडागांव, गरियाबंद जिले में 3 सेमी तक बारिश हुई है। बारिश से दुर्ग जिले की शिवनाथ, रायपुर की खारून नदी, बस्तर की इंद्रावती और दंतेवाड़ा की शंखनी-डंकनी नदी में भी जल स्तर बढ़ गया
पुल पर 5 फुट पानी
बीजापुर-तेलंगाना सीमा पर टेकलगुड़ा नाला स्थित पुल पर करीब 5 फुट पानी भर गया है। इससे पुल पानी में डूब गया है। बीजापुर-हैदराबाद एनएच पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। आलम यह है कि हैदराबाद जाने वाले सैकड़ों वाहन फंस गए हैं। बड़ी संख्या में वाहनों को वापस भी लौटना पड़ा है। स्थानीय प्रशासन ने एक एडवाइजरी जारी की है। बताया जाता है कि पानी का बहाव इतना तेज है कि किसी भी वाहन के लिए पार करना खतरनाक हो गया है।
हैदराबाद जाने वालों को ट्रैफिक एडवाइजरी
प्रशासन ने हैदराबाद जाने वाले यात्रियों को महाराष्ट्र के सिरोंचा होकर जाने का सुझाव दिया है। मौसम विभाग की मानें तो 30 सितंबर को उत्तरी अंडमान सागर पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन सकता है। इसके प्रभाव से 1 अक्टूबर के आसपास बंगाल की खाड़ी के उत्तर और आसपास के क्षेत्र में एक और निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसका असर भी देखा जाएगा।
कम दबाव क्षेत्र का असर
खंभात की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव क्षेत्र के प्रभाव से 29 सितंबर को सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, खंभात की खाड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र से दक्षिण गुजरात, विदर्भ, दक्षिण छत्तीसगढ़, दक्षिण ओडिशा, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश होते हुए बंगाल की खाड़ी के पक्षिम-मध्य तक औसत समुद्र तल से ऊपर एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इसका असर छत्तीसगढ़ पर देखा जा रहा है। (यूनीवार्ता के इनपुट के साथ)