भले ही देशभर में फिलहाल कोरोना वायरस केस की संख्या पिछली वेव के मुकाबले कम हैं, लेकिन मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों में वायरस में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
मुंबई में कोविड क्लस्टर
मुंबई में मई में अब तक 95 Covid-19 मामले दर्ज किए गए हैं - राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जनवरी से महाराष्ट्र के कुल 106 मामलों की तुलना में यह एक तेज उछाल है। कम से कम 16 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, और संक्रमण को और फैलने से रोकने के लिए मरीजों को KEM अस्पताल से सेवन हिल्स अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) या गंभीर सांस का संक्रमण, यानी SARI से पीड़ित सभी मरीजों की Covid-19 के लिए जांच की जा रही है।
गुजरात में अस्पताल में भर्ती लोग
गुजरात के पब्लिक हेल्थ की अतिरिक्त निदेशक नीलम पटेल ने कहा, गुजरात में फिलहाल Covid-19 के 34 एक्टिव केस हैं, जिनमें से केवल 2 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से 32 मरीज अहमदाबाद शहर में हैं, जबकि एक ग्रामीण अहमदाबाद और एक राजकोट में है।
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अहमदाबाद नगर निगम (AMC) के अधिकारियों के अनुसार, इन सभी 34 मरीजों का डायग्नोज पिछले एक हफ्ते में किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि ये मरीज बुखार, खांसी और दूसरे हल्के लक्षणों से पीड़ित थे। हल्के लक्षणों के कारण ही बाकी 32 मरीजों को घर पर ही आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, 34 Covid-19 मरीजों में से केवल एक का ही सिंगापुर की यात्रा की हिस्ट्री है। संक्रमित मरीजों के परिवार के किसी भी सदस्य को अभी तक कोरोना वायरस नहीं हुआ है।
अलर्ट पर पुणे
पुणे में, नगर निगम के अधिकारियों ने नायडू अस्पताल में 50 बेड पहले से ही रिजर्व कर लिए हैं, जबकि सरकारी अस्पतालों में Covid-19 के कोई एक्टिव मरीज नहीं हैं।
पुणे नगर निगम की स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. नीना बोराडे ने कहा, "मई में हमारे पास केवल एक मामला था - मंजरी का एक 87 साल का व्यक्ति, जो अब ठीक हो चुका है।" उन्होंने बताया कि केंद्र के नए दिशा-निर्देशों के आने तक नगर निगम के अस्पतालों में Covid-19 की जांच रोक दी गई है।
गुड़गांव और फरीदाबाद में कोरोना का संक्रमण
हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में कोरोना वायरस संक्रमण के तीन मामले सामने आए हैं। एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि गुरुग्राम से दो और फरीदाबाद से एक मामला सामने आया है।
गुरुग्राम में हाल ही में मुंबई से लौटी 31 साल की महिला में संक्रमण की पुष्टि हुई है। 62 साल का एक व्यक्ति भी संक्रमित पाया गया है, जिसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। अधिकारी ने बताया कि दोनों मरीजों को आइसोलेट कर दिया गया है।
फरीदाबाद में पल्ला इलाके के सेहतपुर के रहने वाले 28 साल का शख्स, जो सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करता है, कोविड संक्रमित पाया गया। पिछले कई दिनों से बुखार, खांसी और जुकाम से पीड़ित होने के बाद वह इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल गया था। वहां कोरोना टेस्ट में वायरस की पुष्टि हुई।
तमिलनाडु में भी पैर पसार रहा कोरोना
हाल ही में तमिलनाडु में भी मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। पुडुचेरी में 12 नए मामले सामने आए हैं। चेन्नई में, डॉक्टरों का कहना है कि शुरू में इन्फ्लूएंजा के कारण होने वाले बुखार में तेजी से Covid-19 पॉजिटिव टेस्ट हो रहे हैं।
TOI के मुताबिक, ग्लेनेगल्स हेल्थसिटी के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. सुब्रमण्यम स्वामीनाथन ने बताया, "दो हफ्ते पहले, वायरल के 60% मामले इन्फ्लूएंजा A या B के थे। अब, यह कोविड-19 है।" उन्होंने कहा कि कुछ अस्पतालों ने संक्रमण के खतरे के कारण ऑर्गन ट्रांसप्लांट और हार्ट सर्जरी में देरी कर दी है।
राज्य के पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर डॉ. टी.एस. सेल्वाविनायगम ने भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सावधानी बरतने की सलाह दी, लेकिन कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, "Covid-19 कभी भी पूरी तरह से गायब नहीं हुआ - यह मौसमी उछाल के साथ छोटे लेवल पर फैलता रहता है।"
Covid-19 में क्यों आया अचानक उछाल
कोरोना वायरस के मामलों में अचानक तेज उछाल तेजी से फैलने वाले दो नए सब-वेरिएंट OF.7 और NB.1.8 की वजह से माना जा रहा है, जो JN.1 लाइनेज से जुड़ा है। JN.1 खुद ही बेहद संक्रामक ओमिक्रॉन स्ट्रेन से जुड़ा है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने JN.1 को इसके दुनियाभर में फैलने के कारण "वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट" घोषित किया है, हालांकि इसे वर्तमान में "वेरिएंट ऑफ कंसर्न" चिंता वाला वेरिएंट नहीं बताया गया है।
दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. जतिन आहूजा कहते हैं, "यह स्ट्रेन मौजूदा इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है और ज्यादा संक्रामक है। लेकिन अभी तक यह ओमिक्रॉन से जुड़े लक्षणों से बहुत अलग नहीं है।"
Covid-19 के मामलों में अब इतनी तेजी क्यों?
मामलों में हाल ही में हुई बढ़ोतरी इन सबवेरिएंट की बढ़ती संक्रामकता और आबादी में कम होती इम्यूनिटी के कारण हो रही है। ज्यादातर लोग पहले भी संक्रमण या वैक्सीनेशन के जरिए Covid-19 के संपर्क में आ चुके हैं, लेकिन समय के साथ उनकी इम्यूनिटी कम होती जा रही है।
इसके कारण अलग-अलग रीजन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है: सिंगापुर में 3 मई, 2025 को खत्म हफ्ते में संक्रमण में 28% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। हांगकांग में चार हफ्ते में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 6.21% से बढ़कर 13.66% हो गया, जो दिखाता है कि नया सब-वेरिएंट कितनी तेजी से फैल रहा है।
एक्सपर्ट संक्रमण के बढ़ने के पीछे कई कारणों का हवाला देते हैं, जैसे- घटती इम्यूनिटी, पुराने वैक्सीन का कम होता असर, सामाजिक मेलजोल में इजाफा, सुरक्षा उपायों में ढील, और कुछ हद तक मौसम का असर भी।
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