प्रवर्तन निदेशालय के मुंबई जोनल कार्यालय ने सुधांशु द्विवेदी को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए एक्ट) के तहत गिरफ्तार किया। उनकी गिरफ्तारी बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में चल रही जांच का हिस्सा है। हिरासत में लिए जाने के बाद द्विवेदी को मुंबई में पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने न केवल सुधांशु द्विवेदी की गिरफ्तारी को मंजूरी दी, बल्कि 9 जून तक ईडी को रिमांड भी दी। रिमांड के दौरान जांचकर्ता 96.68 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी मामले में उनकी भूमिका की गहराई से जांच करेंगे और निवेशकों के धन को हड़पने के लिए इस्तेमाल किए गए वित्तीय लेनदेन के नेटवर्क को उजागर करेंगे। अधिकारी उसके परिचालन की सीमा की जांच जारी रखे हुए हैं, जिसका उद्देश्य गलत तरीके से इस्तेमाल की गई संपत्तियों को वापस प्राप्त करना तथा सभी जिम्मेदार पक्षों को जवाबदेह बनाना है।
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