यह फ्लाईओवर 3.6 किमी लंबा है और इसकी लागत 290 करोड़ है. अब 19 जून को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस फ्लाईओवर का उद्घाटन करने के लिए रांची आने वाले हैं. यहां काम इतनी धीमी गति से चल रहा है कि लगता नहीं कि उद्घाटन के समय मंदिर हट पाएगा. यह पुल पूरी तरह से तैयार होने के बाद रांची वासियों को और उस रूट से गुजरने वालों को बड़ी सहूलियत देगा. रांची में सिरम टोली फ्लाईओवर के बाद यह दूसरा फ्लाईओवर है.
हालांकि, मंदिर की समस्या को हल करने का प्रयास किया जा रहा है नहीं तो रैम्प से उतरते समय गाड़ी की रफ्तार वैसे भी थोड़ी तेज होती है. ऐसे में बीचों-बीच मंदिर होगा तो दुर्घटना की आशंका काफी ज्यादा रहेगी. मंदिर की वजह से रास्ता भी काफी पतला और संकरा हो गया है. ऐसे में अभी ही वहां पर जाम लगा रहता है. फ्लाइओवर खुलने के बाद क्या होगा यह कहना मुश्किल है. प्रोजेक्ट मैनेजर सुमन ने बताया कि इसे हटाने को लेकर काम चल रहा है और इसे हम बगल में ही शिफ्ट करने वाले हैं. इसके लिए जमीन भी चिन्हित कर ली गई है और उस पर काम भी चालू है.
हालांकि, लोकल 18 को वहां देखने पर काम ना के बराबर दिखा. यानी नए मंदिर के निर्माण में अभी बहुत समय लगेगा और पान की गुमटी भी फिलहाल पुरानी जगह पर ही है. उसे भी नहीं हटाया गया है. इससे लोग आकर वहां बैठते हैं और रास्ता भी ब्लॉक हो रहा है.
बता दें, 2022 में इस फ्लाईओवर का काम लगा था और 2025 मार्च में लगभग बनकर तैयार हुआ. अब 19 जून को इसका उद्घाटन भी होना है. इसे खासतौर पर राजभवन, पिस्का, मोड, पंडरा, रातू रोड जाने वालों के लिए काफी सहूलियत हो जाएगी. 30-35 मिनट का रास्ता 5 मिनट में तय कर पाएंगे लेकिन, सिर्फ कचहरी की तरफ आते समय इस मंदिर के चलते थोड़ी दिक्कत देखने को मिल रही है. उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों के भीतर इस मंदिर को शिफ्ट कर दिया जाएगा. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो फ्लाईओवर खुलने के बाद कोई न कोई दुर्घटना देखने को निश्चित तौर पर मिल सकती है.