• Wed, Sep 2025

फरीदाबाद में अरावली की पहाड़ी पर बने करोड़ों के फार्महाउस पर चला बुलडोजर, कागजात मांगे तो नहीं दिखा सके

फरीदाबाद में अरावली की पहाड़ी पर बने करोड़ों के फार्महाउस पर चला बुलडोजर, कागजात मांगे तो नहीं दिखा सके

फरीदाबाद: अरावली से अतिक्रमण हटाने को वन विभाग और नगर निगम की टीम ने बड़े स्तर पर कार्रवाई की। सूरजकुंड रोड के किनारे बने करोड़ों के अवैध फार्महाउस को तोड़ा गया। किसी तरह के विरोध से निपटने के लिए पुलिस बल भी मौजूद रही। इस दौरान चार जेसीबी की मदद ली गई।

 यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई है। कोर्ट का आदेश है कि अरावली से पूरी तरह के कब्जों को हटाकर जुलाई 2025 के अंत तक तक रिपोर्ट दें। इसके बाद आठ सितंबर को सुनवाई होगी। अरावली के जंगल काटकर कब्जे किए जा रहे हैं।

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पिछले दिनों अरावली की तलहटी में बसे अनंगपुर गांव, बड़खल, मांगर, अनखीर, मेवला महाराजपुर के अंतर्गत आने वाले अरावली इलाके का सर्वे हुआ था। इसमें 100 से अधिक अवैध निर्माण चयनित किए गए थे। इनमें फार्महाउस बड़ी संख्या में हैं। इसकी रिपोर्ट NGT को भेजी गई थी। इसी रिपोर्ट पर NGT ने इन सभी निर्माणों को तोड़ने के आदेश दिए। राजनीतिक संरक्षण की वजह से ही इन निर्माणों पर सही ढंग से कार्रवाई नहीं हो सकी। इस कारण अरावली की पहाड़ियों तक अवैध निर्माण बनते चले गए।
कागजात नहीं दिखा पाए

हालांकि शुक्रवार को तोड़फोड़ का विरोध किया गया, लेकिन पुलिस की मौजूदगी में टीम ने कार्रवाई जारी रखी। टीम ने फार्म हाउस मालिकों से जमीन से संबंधी कागजात मांगे जो वह दिखा नहीं सके तो कार्रवाई के दौरान कई अवैध फार्महाउस तोड़े गए। फार्महाउस मालिकों ने प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया। उनका कहना है कि कुछ लोगों के निर्माण तोड़े जा रहे हैं, जबकि कुछ को छोड़ दिया गया है। उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित होकर तोड़फोड़ बताया है।

खोरी के निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में डाली थी याचिका

2021 में जब अरावली वन भूमि पर बसे खोरी कॉलोनी को हटाने के आदेश आए थे। उस वक्त नगर निगम की टीम ने खोरी में बसे छह हजार से अधिक मकानों को पूरी तरह से तोड़ दिया था। इसके बाद खोरी के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया कि जब उनके घर अरावली में हैं तो फिर फार्महाउस, स्कूल-कॉलेज और कई अन्य कॉलोनियां भी अरावली के अलग-अलग हिस्से में हैं, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। इसकी सुनवाई 21 जुलाई 2022 को हुई, जिसमें कोर्ट ने कहा कि सभी अवैध निर्माणों को हटाया जाए और वन विभाग को कार्रवाई करनी थी। इसमें से निगम ने अभी तक अरावली वन एरिया में अपनी 100 एकड़ से अधिक जमीन पर हुए कब्जे को हटा दिया। वन विभाग ने रेकॉर्ड पूरा न होने के कारण बाकी कब्जे को नहीं हटाया। वन विभाग ने सर्वे कराया था, इसकी रिपोर्ट में कोर्ट में पेश की, जिसमें बताया कि वन विभाग ने ड्रोन सर्वे कराया, जिसमें 700 से अधिक लोकेशन पर कुल 6793 अवैध स्ट्रक्चर हैं। इनमें से कुछेक को तोड़ दिया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आपकों तीन महीने का समय और दिया जाता है।