• Wed, Sep 2025

गुड न्यूज: यूपी के गांवों की सूरत बदलने की तैयारी, योगी सरकार हर मंडल में करने जा रही ये काम

गुड न्यूज: यूपी के गांवों की सूरत बदलने की तैयारी, योगी सरकार हर मंडल में करने जा रही ये काम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पशुपालन विभाग पहले चरण में प्रदेश के 8 मंडलों की 8 गोशालाओं को 'आदर्श गोशाला' के रूप में विकसित करेगा। इनमें अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर, चित्रकूट, बरेली, आगरा, कानपुर और झांसी शामिल हैं। इन गोशालाओं को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा, जो अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगी। ग्राम ऊर्जा मॉडल के तहत गोशालाओं को ग्रामीण विकास का केंद्र बनाया जाएगा।

बरेली की 'खंगवा श्याम सृष्टि मंगलम् गोशाला' बनेगी पहली आदर्श आत्मनिर्भर गोशाला
उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बताया कि बरेली मंडल के मझगवां ब्लॉक स्थित ‘खंगवा श्याम सृष्टि मंगलम् गोशाला’ को प्रदेश की पहली आदर्श गोशाला घोषित किया गया है। इसमें इंटर-लॉक्ड वेस्ट-फ्री शेड डिजाइन अपनाया जाएगा, जिससे चारे की बर्बादी में कमी आएगी। यहां से मंडल-स्तरीय आत्मनिर्भर गोशाला मॉडल की शुरुआत हुई है।
गो-आधारित प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा
मुख्यमंत्री के 'ग्राम-ऊर्जा मॉडल' के तहत गोशालाओं को ग्रामीण विकास का केंद्र बनाया जाएगा। मझगवां ब्लॉक को पूरी तरह गो-आधारित प्राकृतिक कृषि क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे किसानों को रासायनिक खादों पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को गोशालाओं से जोड़ा जाएगा ताकि महिलाओं और युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और गो-आधारित उत्पादों से आय अर्जित करने में मदद मिलेगी।

पूर्व सरकारों की उपेक्षा के बाद योगी सरकार में नई पहल
उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि पहले की सरकारों द्वारा गो-संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर बहुत ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर अब इसे प्राथमिकता मिल रही है। गोशालाओं के माध्यम से ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। योजना के तहत गोशालाओं को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा और इन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया जाएगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि गो-संवर्धन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन हो और गांवों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो।