अल जजीरा ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे पत्रकारों की आवाज दबाने की साजिश बताया है। अनस अल शरीफ अपने चार साथी पत्रकारों और एक सहायक के साथ गाजा शहर के पूर्वी हिस्से में शिफा अस्पताल के पास एक टेंट में थे, जब यह हमला हुआ।
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गाजा के अधिकारियों और अल जजीरा के मुताबिक, इस हमले में दो अन्य लोग भी मारे गए। इजरायल की सेना ने दावा किया कि अनस अल शरीफ हमास का एक अहम कमांडर था। वह इजरायली नागरिकों और सैनिकों पर रॉकेट हमलों की योजना बनाता था।
सेना का कहना है कि उनके पास खुफिया जानकारी और गाजा में मिले दस्तावेज इस बात का सबूत हैं। लेकिन अल जजीरा और फलस्तीनी पत्रकार संगठनों ने इस दावे को खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद बताया। अनस अल शरीफ ने अपनी मौत से कुछ मिनट पहले ही X पर पोस्ट किया था कि इजरायल दो घंटे से ज़्यादा समय से गाजा शहर पर ताबड़तोड़ बमबारी कर रहा था।
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पत्रकारों की हत्या पर बवाल
अनस अल शरीफ के साथ मारे गए अन्य पत्रकारों के नाम हैं, मोहम्मद करीका, इब्राहिम जाहेर और मोहम्मद नौफल। अल जज़ीरा ने अनस को "गाजा का सबसे नन्हा पत्रकार" बताते हुए कहा कि यह हमला गाजा में सच दिखाने वाली आवाज़ों को खामोश करने की कोशिश है।