भारतीय क्रिकेट का 90 साल लंबा इतिहास तो बताता है कि ये सपना इस बार भी पूरा नहीं हो पाएगा.
नए कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में एक युवा और अनुभवहीन भारतीय टीम इस इंग्लैंड दौरे पर आई थी. ऐसे में टीम इंडिया से ज्यादा उम्मीदें शुरू से ही नहीं थीं. मगर सीरीज के पहले मैच से ही टीम इंडिया ने जिस तरह का दमदार प्रदर्शन किया, उसने सबको चौंका दिया था. यहां तक कि भारतीय टीम ने उस एजबेस्टन के मैदान पर जीत दर्ज की, जहां उसने इससे पहले कभी कोई टेस्ट मैच नहीं जीता था. मगर फिर लॉर्ड्स में जीत के करीब आकर भारत को हार मिली.
टीम इंडिया को कभी नहीं मिली सफलता
लॉर्ड्स टेस्ट में हार के साथ ही टीम इंडिया 5 मैच की सीरीज में 1-2 से पिछड़ गई. ये स्कोरलाइन टीम इंडिया के लिए अच्छी नहीं है क्योंकि इतिहास भारतीय टीम के पक्ष में नहीं है. पुरानी सीरीज के रिकॉर्ड बताते हैं कि भारतीय टीम जब भी किसी सीरीज में 1-2 से पिछड़ी है, वो कभी भी उस सीरीज को जीत नहीं पाई है. जीतना तो दूर भारतीय टीम इस स्कोरलाइन के बाद सीरीज को ड्रॉ तक नहीं करवा पाई है.
क्रिकेट के इतिहास में आज तक सिर्फ 3 बार ऐसा हुआ है, जब 5 टेस्ट की किसी सीरीज के तीसरे मैच तक 2-1 या 1-0 से पिछड़ने के बावजूद उस टीम ने सीरीज में जीत दर्ज की. सबसे पहले 1936 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के खिलाफ 1-2 से पिछड़ने के बाद सीरीज जीती थी. फिर 1992-93 में वेस्टइंडीज ने 0-1 रन से पिछड़ने के बावजूद सीरीज अपने नाम की थी. इसी तरह इंग्लैंड ने 1998 में 0-1 से पिछड़ने के बाद साउथ अफ्रीका को हराया था.
मैनचेस्टर में है दोहरी चुनौती
यानि टीम इंडिया का रिकॉर्ड तो उसके पक्ष में नहीं है. ऐसे में उसे इतिहास को बदलना होगा. टीम इंडिया के लिए ये चुनौती इसलिए भी दोगुनी हो जाती है क्योंकि चौथा टेस्ट मैच मैनचेस्टर में खेला जाना है और यहां टीम इंडिया को आज तक जीत नहीं मिली है. ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर भारत ने कुल 9 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से 4 में उसे शिकस्त मिली है, जबकि 5 ड्रॉ रहे हैं. इसलिए अगर टीम इंडिया का सपना एक बार फिर पूरा नहीं हुआ तो हैरानी नहीं होगी.