बीच में इस्तीफा देने पर मिलती है पेंशन?
जगदीप धनखड़ ने संविधान के आर्टिकल 67 (A) के मुताबिक इस्तीफा दिया है। इस्तीफे के बाद भी उनको पेंशन मिलेगी। इसके अलावा उन्हें कई अन्य सुविधाएं भी मिलती रहेंगी। 2018 के बजट के दौरान उपराष्ट्रपति की सैलरी 4 लाख रुपये महीने तय कर दी गई थी। इसी आधार पर उनको पेंशन भी मिलेगी। रिपोर्ट्स की मानें तो पूर्व उपराष्ट्रपतियों को उनकी सैलरी का 50 से 60 फीसदी पेंशन के रूप में मिलता रहा है। ऐसे में जगदीप धनखड़ को भी 2 लाख से ज्यादा पेंशन के रूप में मिल सकते हैं। नियम यह है कि अगर उपराष्ट्रपति ने अपने पद पर दो साल से ज्यादा का समय गुजारकर बीच कार्यकाल में ही इस्तीफा दे दिया तो उन्हें पेंशन और रिटायरमेंट से जुड़ी सुविधाएं मिलेंगी। वहीं अगर कार्यकाल दो साल से कम रहते है तो उसी अनुपात में पेंशन दी जाती है।
मिलती रहती हैं ये सुविधाएं
दो साल से ज्यादा के कार्यकाल के बाद इस्तीफे या फिर रिटायरमेंट के बाद पूर्व उपराष्ट्रपतियों को कई सुविधाएं मिलती रहती हैं। उन्हें टाइप VIII का सरकारी बंगला, मुफ्त रेल और हवाई यात्रा और मुफ्त इलाज के साथ एक प्राइवेट डॉक्टर की सुविधा भी जाती है। पूर्व उपराष्ट्रपति के परिवार को भी सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है।
पद छोड़ने के बाद भी उपराष्ट्रपति को दो पीए दिए जाते हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति के जीवनसाथी को भी प्राइवेट सेक्रेटरी मिलते हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति को जो बंगला दिया जाता है उसमें पानी और बिजली का बिल भी फ्री होता है। इसके अलावा फर्नीचर और अन्य उपकरणों की सुविधा भी मिलती है। उन्हें दो मुफ्त कॉलिंग वाले फोन की सुविधा मिलती है।