गमले का आकार कम से कम 18 इंच
गार्डनिंग एक्सपर्ट उमेश बरेठ के अनुसार, कटहल के पौधे को गमले में उगाने के लिए सबसे पहले सही प्रकार का मिट्टी मिश्रण तैयार करना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि गमले का आकार कम से कम 18 इंच होना चाहिए, लेकिन जितना बड़ा गमला होगा, उतना अच्छा रहेगा. क्योंकि बड़े गमले में जड़ें आसानी से फैल पाती हैं और पौधे को पर्याप्त स्पेस मिलता है. मिट्टी का मिश्रण तैयार करने के लिए काली मिट्टी, वर्मीकम्पोस्ट और कोकोपिट का उपयोग करना चाहिए.
3 बार पानी डालना आवश्यक
गार्डनिंग एक्सपर्ट उमेश बरेठ ने आगे बताया कि सबसे पहले गमले में आधा मिश्रण भरें, फिर कटहल का पौधा सावधानीपूर्वक लगा दें. उसके बाद बाकी मिश्रण डाल दिया जाए। इसके बाद पौधे को फंगीसाइड और पानी की मात्रा भी दी जाती है, जिससे पौधा स्वस्थ बना रहे और फफूंदी या अन्य बीमारियों से बचा रहे. कटहल के पौधे की उचित देखभाल के लिए नमी की स्थिति पर ध्यान देना जरूरी है. इसलिए हफ्ते में 2 से 3 बार पानी डालना आवश्यक होता है.यदि पौधे पर कीट या बीमारी का प्रभाव नजर आता है, तो इंसेक्टिसाइड का घोल 1 से 2 एमएल मात्रा में मिलाकर पानी डालना चाहिए. यह तरीका कीट और बीमारियों से बचाव में मददगार साबित होता है.
गार्डनिंग एक्सपर्ट उमेश बरेठ ने यह भी बताया कि कटहल के पौधे में जब एक-दो बार फ्लावरिंग हो जाती है, तभी फल लगना शुरू हो जाते हैं. गमले में बड़े पौधे लगाने से करीब एक से डेढ़ साल में फल मिलने लगते हैं. इससे घरेलू स्तर पर कटहल उगाना आसान हो गया है और लोग अपने घर के आसपास ही स्वास्थ्यवर्धक फल प्राप्त कर सकते हैं.