दुकानदार नाहर सिंह पुत्र मंगलाराम, निवासी सैनिक नगर, झुंझुनूं के मुताबिक, घटना की शुरुआत तब हुई जब रात करीब 1 बजे दो युवक मोबाइल चार्ज करने के लिए उनकी दुकान में आए. उन्होंने कुछ देर के लिए चार्ज लगाने की अनुमति दी, लेकिन बाद में मना कर दिया. इस पर दोनों युवक दुकान से बाहर चले गए. उसी दौरान पेट्रोलिंग गाड़ी वहां से गुजरी और जिन युवकों को दुकान से बाहर भेजा गया था, उनमें से एक ने गाड़ी रुकवाकर पुलिस को बताया कि उसके साथ मारपीट हुई है.
दुकानदार का आरोप- 50 से ज्यादा डंडे मारे गए
दुकानदार का आरोप है कि पुलिस वाले शराब के नशे में थे. एएसआई ओमप्रकाश दुकान में घुस आए और बिना कोई पूछताछ किए हाथ में डंडा लेकर उन पर टूट पड़े. आरोप है कि करीब 50 से ज्यादा डंडे मारे गए. खुद को बचाने के लिए नाहर सिंह ने दुकान में रखी कुर्सी का सहारा लिया, जो मारपीट के दौरान टूट गई. नाहर सिंह के अनुसार, करीब 10 मिनट तक यह मारपीट चलती रही. बाद में कोतवाली की दूसरी गाड़ी मौके पर बुलाई गई और उन्हें जबरन गाड़ी में बैठाकर थाने ले जाया गया.
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थाने में रात भर रखा अगले दिन शाम को छोड़ा
इस दौरान दुकान खुली रह गई, और उसी युवक ने, जिसे दुकान से बाहर निकाला गया था, उनका मोबाइल और चार्जर चोरी कर लिया. थाने में रात भर रखने के बाद अगले दिन शाम को उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन इस बीच उन पर धारा 151 के तहत बंद करने की कार्रवाई की गई. नाहर सिंह का कहना है कि डर के माहौल और पुलिस के दबाव के चलते उन्होंने कोतवाली थाने में खुद के साथ हुई मारपीट का मामला दर्ज नहीं करवाया. इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आ चुका है.
सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि एएसआई ओमप्रकाश हाथ में डंडा लेकर नाहर सिंह पर बार-बार वार कर रहे हैं. फुटेज में मारपीट इतनी बेरहमी से होती दिख रही है कि इसे देखकर कोई भी सहम सकता है. दुकानदार नाहर सिंह के शरीर पर कई जगह गंभीर चोटें आई हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने न केवल मुझे पीटा बल्कि मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया. मैंने कभी सोचा नहीं था कि कानून की रक्षा करने वाले ही एक निर्दोष व्यक्ति के साथ इस तरह का सलूक कर सकते हैं.
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