परिवार का आरोप
परिवार का आरोप है कि पुलिस मामले को जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है। पूनम सिंह के अनुसार, उन्होंने सभी सबूत – वीडियो, फोटो और गवाह – पुलिस को सौंपे, फिर भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे उन पर एफआर लगाने का दबाव बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मामला राष्ट्रीय महिला आयोग तक पहुंचा, जहां से जांच रिपोर्ट जयपुर पुलिस कमिश्नर को भेजी गई। लेकिन दो महीने से वह रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में है। सवाल उठता है कि पुलिस आखिर किनके दबाव में काम कर रही है?
हाईकोर्ट में मामला लंबित
परिवार का कहना है कि जब मामला अदालत में लंबित है, तब एफआर लगाने की कोशिश न्याय की प्रक्रिया को बाधित करती है। उन्होंने एसीपी और डीसीपी पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए हैं।
धमकी और हमले के आरोप
पूनम सिंह ने बताया कि 3 नवंबर 2023 को मुनिंद्र सिंह और उनकी पत्नी रेनू सिंह ने घर में घुसकर उनके साथ मारपीट की और गंभीर धमकियाँ दीं। "तुझे काटकर गंगा में बहा देंगे," जैसी धमकियाँ दी गईं। पुलिस ने शुरुआत में मामला दबाने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एफआईआर संख्या 0447/23 दर्ज हुई।