• Wed, Sep 2025

नहीं चली ट्रंप की दादागिरी, इस छोटे से देश ने अमेरिका को दिखा दिया ठेंगा

नहीं चली ट्रंप की दादागिरी, इस छोटे से देश ने अमेरिका को दिखा दिया ठेंगा

अमेरिका अपने देश की जेलों से खतरनाक अवैध प्रवासियों को निकालकर अफ्रीकी देशों में निर्वासित कर रहा है. कई अफ्रीकी देश अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम से नाराज हैं और विदेशी अपराधियों को लेने से मना कर रहे हैं लेकिन दबाव के तहत अफ्रीकी देशों पर अवैध प्रवासियों का बोझ डाला जा रहा है. इस बीच एक छोटे से अफ्रीकी देश नाइजीरिया ने ट्रंप को ठेंगा दिखाते हुए

स्थानीय अखबार 'द पंच' ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से खबर दी है कि नाइजीरिया अमेरिका से निर्वासित विदेशी प्रवासियों को स्वीकार नहीं करेगा. नाइजीरिया के पड़ोसी अफ्रीकी देश अमेरिका के साथ समझौते के तहत विदेशी निर्वासितों को रख रहे हैं लेकिन नाइजीरिया ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है.

प्रवक्ता किमीबी एबिएन्फा ने शनिवार को बताया कि पश्चिम अफ्रीकी देश कई घरेलू चुनौतियों से जूझ रहा है और वह विदेश से 'अतिरिक्त बोझ' नहीं ले सकता है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हमारे अपने मुद्दे हैं जिनसे हम जूझ रहे हैं. हम निर्वासितों को स्वीकार करने के लिए खुद पर दबाव नहीं बनने देंगे, चाहे दूसरे देश कुछ भी करें.'

एबिएन्फा ने अमेरिकी दबाव को धत्ता बताते हुए कहा, 'हम एक संप्रभु देश हैं और हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभावों का पूरी तरह से विश्लेषण करने के बाद ही फैसले लेते हैं.'

नाइजीरियाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए तीसरे देश के साथ समझौते करने पर जोर दे रहे हैं.

पिछले हफ्ते अमेरिका ने रवांडा के साथ एक समझौते के तहत 250 निर्वासितों को वहां भेजा था जिसके बदले में उसे अमेरिका से अनुदान मिलेगा. जुलाई में, ट्रंप प्रशासन ने पांच बर्बर अपराधियों को इस्वातिनी निर्वासित किया था. ये अपराधी इतने खतरनाक हैं कि उनके अपने देशों ने उन्हें लेने से इनकार कर दिया था जिसके बाद ट्रंप प्रशासन ने उन्हें अफ्रीकी देश निर्वासित कर दिया था. 
दक्षिणी सूडान ने किया इनकार तो ट्रंप ने कर दिया था बैन 
अमेरिका दक्षिणी सूडान पर भी दबाव डाल रहा था कि वो निर्वासित विदेशियों को अपने देश की जेलों में जगह दे. लेकिन जब सूडान ने दबाव के आगे झुकने से मना किया तो अमेरिका ने दक्षिण सूडान के लोगों को जारी सभी वीजा रद्द कर दिया और नया वीजा जारी करने पर रोक लगा दी जिससे देश के नागरिकों का अमेरिका में प्रवेश बैन हो गया.

वीजा बैन को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि रवांडा ने विदेशी निर्वासितों को लेने से इनकार किया जिसके जवाब में वीजा बैन का कदम उठाया गया है. उन्होंने आगे कहा कि रवांडा अगर अमेरिका के साथ पूर्ण सहयोग के लिए राजी होता है तो वीजा बैन की समीक्षा की जा सकती है.

इसके बाद दबाव में दक्षिणी सूडान आठ विदेशी निर्वासितों को अमेरिका से लेने पर राजी हुआ था. हालांकि, दोनों देशों के साथ हुए समझौतों का विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.

जुलाई में, अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी वीजा नीति में बदलावों की घोषणा की जिसके तहत नाइजीरिया सहित अधिकांश देशों से आने वाले यात्रियों के लिए वीजा अवधि में कटौती की गई और एंट्री की शर्तों को भी कड़ा कर दिया था.

अमेरिका के इस कदम पर नाइजीरिया के विदेश मंत्री यूसुफ टुगर ने कहा था कि अमेरिका के वीजा प्रतिबंध और टैरिफ में बढ़ोतरी अफ्रीकी देशों पर दबाव डालने के लिए हैं और वो इनके जरिए दबाव की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ट्रंप बलपूर्वक अफ्रीकी देशों से कह रहे हैं कि वो अमेरिका से निर्वासित किए जा रहे वेनेजुएला के अपराधियों को अपने यहां रखें जो कि खतरनाक है.

Watch Live TV in Hindi

Watch Live TV in English