पहले AIU देखता था काम, अब जिम्मेदारी NCERT को
6 सितंबर 2025 को शिक्षा मंत्रालय ने ई-गजट में यह नोटिफिकेशन जारी किया. इससे पहले, यह जिम्मेदारी एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU) के पास थी, जिसे 15 नवंबर 2021 को यह काम सौंपा गया था. अब सरकार ने यह जिम्मेदारी हटाकर सीधे NCERT को दे दी है.
PARAKH सेंटर के जरिए होगा फैसला
NCERT यह काम अपने खास संस्थान PARAKH यानी, परफॉर्मेंस असेसमेंट, रिव्यू एंड एनालिसिस ऑफ नॉलेज फॉर होलिस्टिक डिवेलपमेंट के जरिए करेगा. यह सेंटर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत बनाया गया है. सरकार का कहना है कि PARAKH की मदद से पूरे देश में 10वीं और 12वीं के सर्टिफिकेट की बराबरी तय करने की प्रक्रिया और भी मजबूत और भरोसेमंद होगी.
किन बोर्ड्स पर लागू होगा नया नियम
नया सिस्टम केंद्र सरकार, राज्य सरकार और भारत के सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्ड्स पर लागू होगा. चाहे वह संसद या राज्य विधान सभा के एक्ट से बने हों, सरकार के आदेश से चल रहे हों, या किसी वैधानिक संस्था से मान्यता प्राप्त हों, सभी पर NCERT का फैसला मान्य होगा.
छात्रों को क्या होगा फायदा
अब तक अलग-अलग बोर्ड से पढ़ाई करने वाले छात्रों को एडमिशन या नौकरी के समय सर्टिफिकेट की समकक्षता साबित करनी पड़ती थी. कई बार यह लंबी और मुश्किल प्रक्रिया हो जाती थी, लेकिन अब NCERT का दिया हुआ इक्यूवैलेंस सर्टिफिकेट पूरे देश में मान्य होगा. यानी अगर कोई छात्र एक बोर्ड से दूसरे बोर्ड में शिफ्ट होता है, तो उसके सर्टिफिकेट को लेकर कोई समस्या नहीं होगी.
ये भी पढ़ें – AIBE 20 एग्जाम का नोटिफिकेशन जारी, 29 सितंबर से करें रजिस्ट्रेशन