सूत्रों के अनुसार सुरेंद्र हमलावरों को सीधे तौर पर नहीं जानता था। जिस व्यक्ति के फोन से उसने हमलावरों को अपने पास रोका था वह किसी गैंग्सटर का नजदीकी बदमाश है। वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर पीयूष पिपलानी और अंकुश टैक्सी के जरिये हिसार पहुंचे। वहां करीब डेढ़ दिन रुकने के बाद चले गए  थे।
पंचकूला एसीपी क्राइम अरविंद कंबोज ने बताया कि फिलहाल सुरेंद्र का इतना ही रोल आया कि उसने पनाह देने, हथियार छिपाने और हिसार से निकलने में हमलावरों की मदद की थी। रिमांड के दौरान सुरेंद्र से उसके आपराधिक रिकाॅर्ड और हमलावरों के बारे में डिटेल पूछताछ की जाएगी।
गैंगवार में हुई थी सोनू की हत्या
सोनू की हत्या के बाद पीयूष पिपलानी और अंकुश ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो जारी कर हत्या की जिम्मेवारी ली थी। उन्होंने कहा था कि सोनू गैंग्सटर भूप्पी राणा के लोगाें की मदद कर रहा था। इसलिए अनमोल बिश्नोई के कहने पर उसकी हत्या की गई है। बता दें कि पीयूष पिपलानी की सोनू नौलटा कभी अच्छे दोस्त रहे थे। कई बार सोनू ने उसकी मदद की थी। मगर गैंगवार के चलते उसकी हत्या कर दी गई।
मुख्य आरोपित अभी गिरफ्त से बाहर
हत्या के तीन माह बीत जाने के बाद भी पुलिस अब तक मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इस मामले में पुलिस दो-तीन लोगों को गिरफ्तार जरूर किया है, जिन पर हत्या में मदद करने का आरोप है। किसी पर रेकी करने का तो किसी पर उनको पनाह देने के आरोप लगे हैं।