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पहलगाम में तैनात रहे CRPF जवान ने की गद्दारी, इतने पैसों के लिए PAK की गोदी में गया

पहलगाम में तैनात रहे CRPF जवान ने की गद्दारी, इतने पैसों के लिए PAK की गोदी में गया

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने ASI मोतीराम जाट को 26 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. मोतीराम पर पाकिस्तान को खुफिया जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. खास बात ये है कि पहलगाम हमले से ठीक 5 दिन पहले मोतीराम का ट्रांसफर किया गया था. जांच में खुलासा हुआ

 कि जाट पिछले दो सालों से पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों (जिन्होंने खुद को पत्रकार बताया) को महत्वपूर्ण जानकारी दे रहा था. इस जानकारी को लेकर एक फिक्स अमाउंट तय किया गया था.

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NIA ने अपनी जांच में पाया कि मोतीराम 2023 से ही पाकिस्तान के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी खुफिया डिटेल शेयर कर रहा था. इसके बदले उसे अलग-अलग तरीकों से पैसे भी मिल रहे थे. खास जानकारी के लिए 12000 रुपये तक दिए जा रहे थे.

हर जानकारी का फिक्स था रेट
मोतीराम जाट पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों को हर नया अपडेट देता था. यहां तक की गृहमंत्री अमित शाह का दौरा हो या फिर किसी सीनियर अधिकारी का दौरा हो, हर बार वो पाकिस्तान अधिकारी को जानकारी देता था. जिन पाकिस्तानियों को जवान जानकारी शेयर करता था, उन्होंने खुद को पाकिस्तान के एक बड़े न्यूज चैनल का पत्रकार बताया था. इसके बदले जवान को पाकिस्तानी एजेंट्स हर महीने की 4 तारीख को 3500 रुपये देते थे. ये पूरा पैसा मोती राम और उसकी पत्नी के बैंक खाते में आता था. इसके अलावा खास जानकारी शेयर करने पर 12000 एक्स्ट्रा दिए थे.

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पाकिस्तानी अधिकारियों ने हर जानकारी के हिसाब से रेट तय किए हुए थे. उसी हिसाब से पैसा भेजा जाता था. जानकारी समय पर और सटीक होने पर ही पैसे दिए जाते थे.

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हमले से 5 दिन पहले ट्रांसफर
मोतीराम CRPF की 116वीं बटालियन में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) के पद पर तैनात था. मोतीराम पर पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों को भारत की संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) की टीम ने 26 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. जिसके बाद कोर्ट में पेश किया गया और उसे 6 जून तक की रिमांड पर भेज दिया गया. इस दौरान हुई पूछताछ में उसने कई खुलासे किए हैं. ऐसा भी कहा जा रहा है कि जवान की तैनाती पहलगाम में ही थी जहां 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था. इस हमले से ठीक 5 दिन पहले ही जाट का ट्रांसफर किया गया था. यही कारण है कि अब पहलगाम हमले में उसके जुड़े होने को लेकर भी जांच की जा रही है.