सूत्रों के मुताबिक जयशंकर और मुत्ताकी के बीच अफगानिस्तान में भारतीय मदद वाली विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर रजामंदी हुई है, इसमें लालंदर की वो शहतूत बांध परियोजना भी शामिल है, जो काबुल नदीं पर बनाई जानी है. दोनों देशों के बीच इसे लेकर समझौता तो फरवरी 2021 में हुआ था, लेकिन काबुल में हुए सत्ता बदल ने इसपर ब्रेक लगा दिया था. पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए भारतीय राजनयिक टीम के काबुल दौरे ने इस परियोजना की सुगबुगाहट को एक बार फिर हवा दे दी.
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दरअसल, काबुल नदी पर बनने वाली यह परियोजना अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और मुल्क में रहने वाले करीब 20 लाख लोगों के लिए साफ पेयजल मुहैया कराएगी. इस शहतूत बांध परियोजना के लिए भारत 236 मिलियन डॉलर की वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगा. करीब तीन साल में पूरी होने वाली इस परियोजना में अफगानिस्तान की 4,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाएगा.