भारतीय कामगारों को मिलेगा मौका
गोयल ने कहा कि भारत की योजना है कि भारतीय कामगारों को ऑस्ट्रेलिया भेजा जाए, जहां उन्हें स्थानीय मानकों के हिसाब से घर बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद वे घरों का निर्माण करेंगे. इस पहल से न केवल ऑस्ट्रेलिया में घरों की कमी पूरी होगी बल्कि भारतीय श्रमिकों के लिए रोजगार के बड़े अवसर भी खुलेंगे.
ऑस्ट्रेलिया में मकानों की भारी कमी
ऑस्ट्रेलिया में लंबे समय से मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन है. यही वजह है कि वहां घरों की कीमतें बहुत ज्यादा हैं. हाल ही में हुए चुनावों में भी हाउसिंग मुद्दा प्रमुख रहा. ऐसे में भारत और ऑस्ट्रेलिया की यह साझेदारी दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.
यूएई से साझेदारी का प्रस्ताव
पीयूष गोयल ने कहा कि उन्होंने यूएई के व्यापार मंत्री थानी बिन अहमद अल ज़ेयौदी से इस प्रोजेक्ट को वित्तीय सहयोग देने की बात की है. यूएई पहले से ही भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा निवेशक है, इसलिए इस परियोजना के लिए उसकी साझेदारी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
भारत के बढ़ते वैश्विक समझौते
गोयल ने बताया कि भारत इस समय कई देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर काम कर रहा है. अगले दो हफ्तों में ओमान के साथ समझौता होने की उम्मीद है. दो महीने में न्यूजीलैंड के साथ करार होगा. साल के अंत तक यूरोपीय संघ (EU) के साथ भी समझौता हो सकता है. इसके अलावा कतर, पेरू और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश भी भारत से व्यापार समझौते के लिए उत्सुक हैं.