पुलिस ने कनाडा में अब तक की सबसे बड़ी ड्रग जब्ती की है, जिसमें 479 किलोग्राम कोकीन शामिल है. इसकी कीमत 47.9 मिलियन डॉलर है. कनाडा में रहने वाले सात भारतीय मूल के लोगों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पैसे का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों में
पुलिस के अनुसार, यह समूह अमेरिका और कनाडा के बीच कर्मशियल ट्रकिंग रूट का इस्तेमाल करता था. इसके संबंध मैक्सिकन ड्रग कार्टेल और अमेरिकी डिस्ट्रिब्यूटर से थे. बताया गया कि ड्रग व्यापार से प्राप्त धन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों जैसे विरोध प्रदर्शन, जनमत संग्रह और हथियारों की खरीद के लिए किया जा रहा है. खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि पाकिस्तान की आईएसआई इस नेटवर्क का समर्थन कर रही है, जो कनाडा में खालिस्तानी समूहों का इस्तेमाल मैक्सिकन कोकीन और अफगान हेरोइन की तस्करी के लिए कर रही है.
गिरफ्तार किए गए लोगों में साजगिथ योगेन्द्रराजा (31), मनप्रीत सिंह (44), फिलिप टेप (39), अरविंदर पोवार (29), करमजीत सिंह (36), गुरतेज सिंह (36), सरताज सिंह (27), शिव ओंकार सिंह (31) और हाओ टॉमी हुइन्ह (27) शामिल हैं.
पीएम मोदी का कनाडा दौरा
यह कार्रवाई ऐसे समय हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में कनाडा के कनानास्किस में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं. उनकी यात्रा कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण के बाद हो रही है.
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कार्नी को उनकी हालिया चुनावी जीत पर बधाई दी और शिखर सम्मेलन के निमंत्रण के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा, मजबूत संबंधों वाले जीवंत लोकतंत्र के रूप में, नई ऊर्जा और साझा लक्ष्यों के साथ मिलकर काम करेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि वह शिखर सम्मेलन में कार्नी से मिलने के लिए उत्सुक हैं.
जी7 समिट से इतर पीएम मोदी और कार्नी की बैठक भी होगी. दोनों की मुलाकात में खालिस्तान का मुद्दा उठा सकता है. भारत खालिस्तानियों के खिलाफ एक्शन तेज करने की मांग कर सकता है. जस्टिस ट्रूडो के कार्यकाल में कनाडा में खालिस्तानियों के हौसले बुलंद थे. ट्रूडो की नीतियों के कारण भारत और कनाडा के संबंध बिगड़ गए थे. पीएम रहते ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक निज्जर के लिए आवाज उठाई और भारत पर बिना सबूत के आरोप लगाए. भारत से पंगा लेना ट्रूडो को भारी पड़ा और उनकी सत्ता में चली गई.