• Wed, Sep 2025

रंग लाई भारत की कोशिश, अब पाकिस्‍तान पर कसेगा फंदा, न पैसा मिलेगा न मदद

रंग लाई भारत की कोशिश, अब पाकिस्‍तान पर कसेगा फंदा, न पैसा मिलेगा न मदद

नई दिल्‍ली. ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम नेताओं को दुनियाभर में भेजकर पाकिस्‍तान और आतंकवाद के गठजोड़ को उजागर किया. अब उनकी कोशिशें रंग ला रही हैं, क्‍योंकि फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (FATF) एक बार फिर पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डालने पर विचार कर रहा है. इसके बाद पाकिस्‍तान के लिए दुनिया से कर्ज लेना और आर्थिक मदद मांगना मुश्किल हो जाएगा.

मनीकंट्रोल के मुताबिक, मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि एफएटीएफ आने वाले सप्‍ताह में पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डाल सकता है. FATF को भी यह भरोसा हो गया है कि पाकिस्‍तान आतंकी फंडिंग पर लगाम कसने में नाकाम रहा है. लिहाजा उस पर आर्थिक प्रतिबंध दोबारा लगाए जाने चाहिए. FATF ने अगर पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डाला तो यह चौथी बार होगा, जब पाकिस्‍तान के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाएगी.
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जून या जुलाई में आएगी रिपोर्ट

ग्‍लोबल फाइनेंशियल क्राइम वॉचडॉग यानी एफएटीएफ पाकिस्‍तान से जुड़ी रिपोर्ट को जून के आखिर या फिर जुलाई की शुरुआत में जारी कर सकता है. इस रिपोर्ट में पाकिस्‍तान की आतंकी फंडिंग को लेकर नाकामी का खुलासा किया जाएगा. लिहाजा अब उसे एक बार फिर ग्रे लिस्‍ट में डालने का मौका आ गया है. सूत्रों का कहना है कि फ्रांस के स्‍ट्रासबर्ग में पिछले सप्‍ताह एफएटीएफ की बैठक हुई, जिसमें भारत ने पाकिस्‍तान सरकार और आतंकी नेटवर्क के गठजोड़ का खुलासा किया और बताया कि वहां आतंकियों को पाक सरकार से आर्थिक मदद मिलती है. वैसे तो बैठक में लिए गए फैसले गोपनीय हैं, लेकिन माना जा रहा है कि पाकिस्‍तान को दोबारा ग्रे लिस्‍ट में डालने की संभावना काफी ज्‍यादा है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठी मांग

मनीकंट्रोल ने 23 मई को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया था कि श्रीनगर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद से ही पाकिस्‍तान को घेरने की तैयारी है. इसके बाद भारत ने पाकिस्‍तान के खिलाफ सैन्‍य कार्रवाई भी की, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया. युद्ध समाप्‍त होने के बाद भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने दुनियाभर में जाकर पाकिस्‍तान और उसके आतंकी गठजोड़ को बेनकाब किया, जिसका असर एफएटीएफ की बैठक में भी देखने को मिला.

क्‍या है ग्रे लिस्‍ट का मतलब

एफएटीएफ की ग्रे-लिस्‍ट का मतलब है कि संबंधित देश पर ग्‍लोबल वॉचडॉग की निगरानी रहेगी. इसका मकसद मनीलॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और बिना किसी स्रोत के आने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाना है. एफएटीएफ तब तक इस पर निगाह रखता है, जब तक ग्रे लिस्‍ट में शामिल देश उसके एक्‍शन प्‍लान के तहत काम पूरा नहीं करते. इससे पहले पाकिस्‍तान को साल 2008 से 2009 तक, 2012 से 2015 तक और 2018 से 2022 तक ग्रे लिस्‍ट में डाला था. अब ऐसा होता है तो यह चौथी बार होगा.

पहले ही शुरू हो चुकी है निगरानी

एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान की निगरानी पहले ही शुरू कर दी है. हालांकि, इस पर फैसला लेना अभी बाकी है, जो अगले सप्‍ताह तक आने का अनुमान है. एफएटीएफ ने फिलहाल 3 देशों को अपनी ब्‍लैक लिस्‍ट में डाल रखा है. इसमें म्‍यांमार, ईरान और उत्‍तर कोरिया शामिल है. अब पाकिस्‍तान पर फैसला लेने के लिए एफएटीएफ ने अपने सभी 39 सदस्‍यों को बुलाया और अब जल्‍द ही फैसला सामने आने वाला है.