यह भी पढ़ें : वाराणसी में पत्नी को प्रेमी संग रंगे हाथ पकड़ा, जान छुड़ाने के लिए मंदिर में दोनों की करा दी शादी, देखें वीडियो...
दरअसल कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ लंबित याचिका पर सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चतुर्थ (एमपी-एमएलए) नीरज कुमार त्रिपाठी की अदालत में मंगलवार को हुई। इस दौरान राहुल गांधी की ओर से उनके वकील अनुज यादव ने स्थगन प्रार्थना पत्र दिया। इसपर याचिकाकर्ता तिलमापुर सारनाथ के पूर्व प्रधान नागेश्वर मिश्र के वकील अलख नारायण राय व विवेक शंकर तिवारी ने आपत्ति की। दलील दी कि याचिका पर राहुल के वकील को पक्ष रखने का विधिक अधिकार नहीं है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 25 अगस्त की तिथि तय कर दी।
यह भी पढ़ें : इंस्टाग्राम पर युवती को दिया 5000 रुपये का आपत्तिजनक प्रस्ताव, वाराणसी पुलिस पड़ गई पीछे
अमेरिका यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा भारत में सिखों को लेकर दिए गए बयान के खिलाफ लंबित निगरानी याचिका को विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) यजुवेंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने बीते 21 जुलाई को मंजूर कर लिया था। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चतुर्थ (एमपी-एमएलए) के आदेश को निरस्त करते हुए नागेश्वर मिश्र के प्रार्थना पत्र पर फिर से सुनवाई कर विधिनुसार आदेश पारित करने का आदेश दिया है।
यह भी पढ़ें : काशी विश्वनाथ धाम के स्वर्ण शिखर पर दिखा सफेद उल्लू, मनोकामना पूर्ति का लोग मान रहे प्रतीक
नागेश्वर मिश्र ने न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) की अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। इसमें बताया था कि बीते वर्ष देश के प्रमुख विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी ने अपने अमेरिका यात्रा के दौरान सिखों पर बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था। राहुल गांधी के बयान को भारत के विरूद्ध गृह युद्ध भड़काने की साजिश बताया था।
यह भी पढ़ें : बनारस में कीचड़ से होकर जाता है ‘पद्मश्री’ के घर का रास्ता, क्या आप इन गलियों में जाना चाहेंगे?