क्या है पूरा मामला?
बहादुरपुर विकासखंड के पालिकरनपुर गांव में जन सुनवाई के दौरान एक बुजुर्ग शुकरु डीएम मनीष वर्मा के पास पहुंचे. उन्होंने बताया कि वे बेहद गरीब हैं और वृद्धा पेंशन ही उनके जीने का सहारा थी. लेकिन पंचायत सचिव की गलती के कारण उन्हें कागजों में मृत घोषित कर दिया गयाऔर उनकी पेंशन रोक दी गई. शुकरु ने डीएम से गुहार लगाई कि वे उनके साथ न्याय करें.
यह सुनकर डीएम मनीष वर्मा ने तुरंत इस मामले की जांच के आदेश दिए. उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी रंजिश के कारण कई लोगों की पेंशन रोकी गई है. उन्होंने अधिकारियों को सभी पेंशन धारकों की सूचियों को दोबारा ठीक से जांचने और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
क्या हुई कार्रवाई?
जांच में ग्राम पंचायत सचिव रंजना यादव की लापरवाही सामने आई. पता चला कि उन्होंने बिना सही तरीके से जांच किए ही बुज़ुर्ग शुकरु को मृत घोषित कर दिया था. इसके बाद डीएम ने रंजना यादव को निलंबित कर दिया. इसके अलावा, तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी (समाज कल्याण) के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. डीएम ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को तुरंत शुकरु की पेंशन बहाल करने का भी आदेश दिया है.