• Tue, Sep 2025

स्कूल लौटे सपने: किताबों से दोबारा जुड़ रहे हैं बचपन

स्कूल लौटे सपने: किताबों से दोबारा जुड़ रहे हैं बचपन

प्रयागराज (ब्‍यूराे)। प्रयागराज की गलियों में इन दिनों कुछ अलग ही हलचल है. कुछ चेहरे ऐसे हैं जिनकी मासूम आंखों में अब फिर से स्कूल जाने की चमक दिख रही है. ऐसे हजारों बच्चे जो किसी वजह से स्कूल से छूट गए थे, अब दोबारा क्लास में लौटने की तैयारी में हैं. सरकार की ओर से शारदा योजना के तहत 6 से 14 साल तक के बच्चों को फिर से स्कूल से जोड़ा जा रहा है. इन बच्चों को उम्र के अनुसार क्लास में दाखिला मिलेगा

खुलेंगे स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर

जहां पांच से ज्यादा बच्चे स्कूल से बाहर पाए गए हैं, वहां पर स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर खुलेंगे. इन सेंटरों में बच्चों को पढ़ाने के लिए गांव के ही पढ़े-लिखे लोग या सेवानिवृत्त शिक्षक चुने जाएंगे. अगर कोई रिटायर्ड शिक्षक नहीं मिलता तो वहीं के स्कूलों से जुड़े शिक्षक ये जिम्मेदारी निभाएंगे. चयन के लिए वही लोग आवेदन कर सकते हैं जो उसी पंचायत के निवासी हों और जिनकी उम्र 21 से 45 साल के बीच हो. चयन पूरी तरह मेरिट पर होगा mdash; हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएशन और अगर कोई टीचिंग डिग्री बीएड, बीटीसीहो तो उनके नंबर से औसत बनाकर लिस्ट तैयार की जाएगी. अगर कोई ट्रेनिंग डिग्री नहीं है तो सिर्फ पढ़ाई के अंकों के आधार पर चयन होगा. जो वॉलंटियर चुने जाएंगे उन्हें हर महीने ₹4000 का मानदेय मिलेगा.

1263 बच्चों को मिलेगा नया मौका

पूरे प्रदेश में करीब 68,913 ऐसे बच्चों की पहचान की गई है जो अभी स्कूल से बाहर हैं. लेकिन प्रयागराज इस पूरे मिशन में सबसे आगे नजर आ रहा है. जिले में अब तक 1,263 बच्चों को चिन्हित किया जा चुका है और इनके लिए 411 ट्रेनिंग सेंटर खोले जा रहे हैं. यही नहीं, पड़ोसी जिले प्रतापगढ़ में 208 और कौशांबी में 224 सेंटर खोले जाएंगे. राजधानी लखनऊ में भी 742 बच्चों के लिए खास तैयारी चल रही है. हर सेंटर पर बच्चों को वो सभी सुविधाएं दी जाएंगी जो सामान्य स्कूल में मिलती हैं जैसे किताबें, मिड डे मील और जरूरी स्टेशनरी. इन सेंटरों के ज़रिए बच्चों को फिर से स्कूल की आदत और पढ़ाई का माहौल मिलेगा ताकि वो बिना झिझक के फिर से अपनी पढ़ाई शुरू कर सकें.
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हर परिवार तक पहुंचेगा शिक्षा का संदेश

इस पूरे अभियान को सफल बनाने के लिए प्रचार-प्रसार को भी अहम हिस्सा बनाया गया है. पंचायत भवन, स्कूल, सचिवालय और सार्वजनिक जगहों पर नोटिस लगाए जा रहे हैं ताकि लोग खुद से इस मुहिम में जुड़ें. चयन प्रक्रिया की ज़िम्मेदारी एक चार-सदस्यीय कमेटी को दी गई है जिसमें स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, एक अभिभावक और प्रधानाचार्य शामिल हैं. 31 जुलाई तक ये प्रक्रिया पूरी होनी है ताकि 1 अगस्त से ट्रेनिंग शुरू हो जाए. सरकार चाहती है कि हर गांव, हर मोहल्ले का कोई बच्चा इस बार पीछे न छूटे. प्रयागराज के अलग-अलग हिस्सों में यह चर्चा अब आम हो चुकी है कि ldquo;बच्चे स्कूल लौट रहे हैं।rdquo; ये सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि पढ़ाई से टूटी कड़ी को फिर से जोड़ने की एक ईमानदार कोशिश है.

हमारी कोशिश है कि कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे. जो भी बच्चे स्कूल से बाहर हैं, उन्हें फिर से जोड़ने के लिए सभी ज़रूरी सुविधाएं दी जाएंगी.

mdash; देवरत सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी, प्रयागराज