इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'फिर वापस चले जाओ।' दरअसल पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े एक्शन लिए। इसमें पाकिस्तानी नागरिकों को जारी वीजा रद करने का फैसला भी शामिल था।
'हाईकोर्ट क्यों नहीं गया याचिकाकर्ता'
गोवा में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक ने अदालत ने याचिका लगाकर इस फैसले का विरोध किया था। याचिका को अर्जेंट मैटर के तौर पर दाखिल किया हया। यह मामला जस्टिस संजय करोल और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के समक्ष पहुंचा।
अदालत के यह कहने पर कि आप वापस चले जाए, वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता वापस चला जाएगा, लेकिन उसकी बात सुनी जा सकती है। इसके बाद अदालत ने पूछा कि याचिकाकर्ता ने अधिकार क्षेत्र वाले हाईकोर्ट का रुख क्यों नहीं किया।
इस पर वकील ने जवाब दिया कि पुलिस याचिकाकर्ता के पास आई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया। इसके पहले एक मामले की सुनवाई में अदालत ने एक परिवार के 6 सदस्यों को वीजा खत्म होने के बाद भी देश में रहने के आरोप में पाकिस्तान न भेजने को कहा था, जब तक उनकी नागरिकता के दावे का सत्यापन न हो जाए।
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