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दुनिया में सबसे तेज दौड़ने वाला चीता कितना लम्बा जीवन जीता है?

दुनिया में सबसे तेज दौड़ने वाला चीता कितना लम्बा जीवन जीता है?

मध्‍य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में 16 शावक पैदा हुए थे. उसमें से एक मादा शावक मुखी ने वयस्‍क होकर इतिहास रच दिया है. भारत में चीतों को बसाने के लिए तीन साल पहले प्रोजेक्‍ट शुरू हुआ था. मुखी का वयस्‍क होना उस प्रोजेक्‍ट की सफलता है. नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्‍वाला ने 29 मार्च 2023 को मादा शावक मुखी को जन्‍म दिया था. (फोटो: PTI)

चीता कंजर्वेशन फंड की रिपोर्ट के मुताबिक, चीतों का जीवन तीन चरणों में गुजरता है. पहला शावक के रूप में. जन्‍म से लेकर 18 महीने तक की उम्र तक ये शावक कहलाते हैं. 18 से 24 महीने तक की उम्र किशोरावस्था कहलाती है. 24 महीने या इससे अधिक समय बीतने के बाद इन्‍हें वयस्‍क की कैटेगरी में रखा जाता है. एक चीता 10 से 12 साल की उम्र तक जीता है. (फोटो: PTI)


नर है या मादा कैसे पहचानें… ये वयस्‍क होते ही शिकार करना सीख जाते हैं और स्‍वतंत्र जीवन जीना पसंद करते हैं. आमतौर पर नर चीता मादा से बड़ा होता है. उसका सिर भी बड़ा होता है. चीतों का शरीर पतला और छाती गहरी होती है. इनके बड़े नथुने तेजी से शरीर में ऑक्‍सीजन पहुंचाने का काम करते हैं. (फोटो: PTI)
नर है या मादा कैसे पहचानें… ये वयस्‍क होते ही शिकार करना सीख जाते हैं और स्‍वतंत्र जीवन जीना पसंद करते हैं. आमतौर पर नर चीता मादा से बड़ा होता है. उसका सिर भी बड़ा होता है. चीतों का शरीर पतला और छाती गहरी होती है. इनके बड़े नथुने तेजी से शरीर में ऑक्‍सीजन पहुंचाने का काम करते हैं. (फोटो: PTI)


कितना तेज दौड़ता है... चीते को यूं ही नहीं दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर कहा जाता है. यह 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ता है. यह 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार महज 3 सेकंड में पकड़ने की ताकत रखता है, जो किसी भी स्‍पोर्ट्स कारों से भी तेज है. (फोटो: PTI)
कितना तेज दौड़ता है... चीते को यूं ही नहीं दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर कहा जाता है. यह 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ता है. यह 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार महज 3 सेकंड में पकड़ने की ताकत रखता है, जो किसी भी स्‍पोर्ट्स कारों से भी तेज है. (फोटो: PTI)


आंखों के नीचे काले निशान है पहचान… चीते की पहचान आंखों के नीचे पड़े काले निशान से की जा सकती है. इन्‍हें टियर मार्क्‍स कहा जाता है. ये सूरज की रोशनी से आंखों को बचाते हैं. चीता के बारे में एक खास बात यह भी है कि यह घात लगाकर हमला नहीं करता. यह खुले मैदान में शिकार को दौड़ाकर पकड़ता है. (फोटो: PTI)
आंखों के नीचे काले निशान है पहचान… चीते की पहचान आंखों के नीचे पड़े काले निशान से की जा सकती है. इन्‍हें टियर मार्क्‍स कहा जाता है. ये सूरज की रोशनी से आंखों को बचाते हैं. चीता के बारे में एक खास बात यह भी है कि यह घात लगाकर हमला नहीं करता. यह खुले मैदान में शिकार को दौड़ाकर पकड़ता है. (फोटो: PTI)