पीटीआई ने राउत के हवाले से कहा, “ठाकरे बंधु (सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे) मुंबई, ठाणे, नासिक और कल्याण-डोंबिवली में नगर निगम चुनाव एक साथ लड़ेंगे और जीतेंगे.” उन्होंने कहा, “राज और उद्धव ठाकरे की ताकत मराठी भाषियों की एकता की ताकत है. अब कोई भी ताकत ‘मराठी मानुस’ की लौह मुट्ठी को नहीं तोड़ सकती.”
महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एकजुट हुए थे और एकजुट होकर आंदोलन करने का ऐलान किया था. दोनों के ऐलान के बाद महाराष्ट्र सरकार को प्राथमिक से पांचवीं कक्षा तक हिंदी की अनिवार्यता को वापस लेना पड़ा था. उसके बाद उद्धव और राज ठाकरे ने संयुक्त रूप से सभा की थी.
13 साल के बाद राज गए थे मातोश्री, उद्धव को दी थी बधाई
इससे पहले 27 जुलाई को, मनसे प्रमुख राज ठाकरे 13 साल के अंतराल के बाद बांद्रा स्थित मातोश्री पहुंचे थे और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे को उनके 65वें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थी.
राज ठाकरे दादर स्थित अपने आवास शिवतीर्थ से मातोश्री पहुंचे और लाल गुलाबों का गुलदस्ता भेंट किया था. इससे पहले, राज ठाकरे 2012 में बालासाहेब ठाकरे के निधन के समय इस आवास में आए थे. मनसे नेता बाला नंदगांवकर और नितिन सरदेसाई के साथ, राज का स्वागत उद्धव और शिवसेना सांसद संजय राउत ने किया था.
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राज-उद्धव के साथ आने पर भाजपा का तंज
हालांकि, महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता गिरीश महाजन ने शिवसेना (यूबीटी) पर केवल चुनावी मौसम में मराठी भाषियों को याद करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पिछले साल के विधानसभा परिणामों से पता चला है कि मराठी मतदाताओं ने बड़े पैमाने पर भाजपा का समर्थन किया और उन्हें गुमराह करने के प्रयासों से प्रभावित नहीं हुए. इसके अलावा, राज्य के भाजपा विधायक प्रवीण दरेकर ने आश्चर्य जताया कि क्या यह सच है या सिर्फ राउत की “अटकलबाजी” है.