• Wed, Sep 2025

वोटर लिस्ट रिवीजन पर नीतीश की जेडीयू में बढ़ रही बेचैनी, सांसद के बाद विधायक ने उठाए सवाल

वोटर लिस्ट रिवीजन पर नीतीश की जेडीयू में बढ़ रही बेचैनी, सांसद के बाद विधायक ने उठाए सवाल

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से चंद महीने पहले हो रहे वोटर लिस्ट रिवीजन पर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में बेचैनी बढ़ रही है। जेडीयू के नेता भी मतदाता गहन पुनरीक्षण (SIR) पर सवाल उठाने लगे हैं। जेडीयू सांसद गिरधारी यादव के बाद अब पार्टी के विधायक संजीव कुमार ने भी चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर आलोचना की है। संजीव ने बुधवार को आरोप लगाया कि बिहार से बाहर काम कर रहे

खगड़िया जिले के परबत्ता से जेडीयू विधायक संजीव कुमार ने बुधवार को पटना में मीडिया से बातचीत में कहा कि वोटर लिस्ट रिवीजन पर सवाल उठना लाजमी है। उन्होंने कहा, "इस पर एक मुद्दा मेरे ध्यान में भी आया है। मेरे विधानसभा क्षेत्र में जो मजदूर बाहर काम करने गए हैं, उनका कॉन्ट्रैक्ट है कि 6 महीने छुट्टी नहीं मिलेगी। ऐसे में वे वोटर लिस्ट रिवीजन के दौरान घर नहीं आ पा रहे हैं। उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। मोबाइल नंबर भी नहीं मिल पा रहा है। उनका नाम वोटर लिस्ट से काटे जाने की आशंका है।"
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को यह आश्वस्त करना चाहिए कि प्रवासी मजदूरों का नाम वोटर लिस्ट से न काटा जाए। प्रवासी मजदूरों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उनका नाम छूट जा रहा है। इस पर आयोग को ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्व का इस पर क्या मानना है यह उन्हें नहीं पता, लेकिन बहुत से मजदूरों का नाम कट रहा है, यह तथ्य है।

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इससे पहले बांका से जेडीयू सांसद गिरधारी यादव ने दिल्ली में बुधवार को कहा कि चुनाव आयोग को मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के लिए कम से कम 6 महीने का समय देना चाहिए। अमेरिका समेत बाहरी देशों में रह रहे लोग एक महीने के भीतर अपना दस्तावेज जुटाकर फॉर्म पर साइन कैसे करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने लोगों पर जबरदस्ती वोटर लिस्ट रिवीजन थोपा है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)