रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट थिंक टैंक में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के फेलो सैमुअल रमानी ने अल जज़ीरा को बताया कि आज अमेरिका के साथ हुई बातचीत में रूस को यूक्रेन पर बढ़त हासिल है. उन्होंने बताया कि पिछले चार महीनों में यूक्रेन में रूस के आक्रमण ने कुछ क्षेत्रीय प्रगति की है और अलास्का वार्ता में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की अनुपस्थिति उन्हें ‘कमजोर खिलाड़ी’ बनाती है.
वहीं रूसी विदेश मामलों के विशेषज्ञ व्लादिमीर सोतनिकोव का अनुमान है कि राष्ट्रपति पुतिन आज की बैठक में यूक्रेन में रूस द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्रों को मान्यता दिलाने की कोशिश कर रहे हैं. सोतनिकोव का कहना है कि सिर्फ इन्हीं परिस्थितियों में पुतिन यूक्रेन में युद्ध विराम के लिए राजी होंगे.
युद्ध खत्म करने की रूस को कोई जल्दी नहीं
जानकारों को लगता है कि पुतिन को युद्ध समाप्त करने की कोई जल्दी नहीं है, जबकि यूक्रेनियों को इसकी ज्यादा जरूरत है क्योंकि वे न सिर्फ अपनी क्षेत्र को खो रहे हैं, बल्कि वे अमेरिकी हथियार आपूर्ति के भविष्य पर संतुष्ट नहीं है कि उन्हें आगे आपूर्ति की जाएगी या नहीं.
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ट्रंप युद्ध विराम के लिए बेताब
ट्रंप अभी तक करीब 7 समझौते कराने का दावा कर चुके हैं. ट्रंप नोबेल पुरस्कार पाने की चाह रख रहे हैं, अगर गाजा और यूक्रेन युद्ध विराम कराने में वह कामयाब हो जाते हैं, तो उनकी दावेदार मजबूत हो जाएगी. इसलिए कई जानकारों का मानना है कि वह पुतिन की शर्तों को मानने का यूक्रेन पर दबाव बना सकते हैं. सोतनिकोव ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप संभवतः रूसी राष्ट्रपति को युद्ध विराम के लिए मनाएंगे. यह भी संभव है कि पुतिन इसके लिए रूसी लक्ष्य पूरे होने की शर्त रखे.”