हजारों लोगों की अटकी सांसे
एयरपोर्ट बंद हो जाने के कारण यहां लगभग 3000 यात्री फंसे रहे. इस घटना की वजह से हवाई अड्डे पर मौजूद हर किसी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी और उड़ानों को रद्द कर दिया गया..जो फ्लाइट्स आ रही थी उनको दूसरी जगह भेजना पड़ा. एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बताया की पुलिस और अग्निशमन विभाग तुरंत अलर्ट कर दिया गया था फिलहाल इस घटना की जांच जारी है. अभी इस बात का पता नहीं लग पाया है की ये ड्रोन कहां से आया था.
डेनमार्क में भी देखा गया था ड्रोन
इससे पहले डेनमार्क के कई एयरपोर्ट्स पर भी ड्रोन उड़ते हुए देखे गए थे, जिसके कारण वहां हजारों यात्री फंसे हुए थे. इन घटनाओं के बाद डेनमार्क ने अपने देश में सभी सिविल ड्रोन उड़ानों पर पूरी तरह रोक लगा दी. पिछले कुछ हफ्तों से यूरोप में ड्रोन देखे जाने की घटनाओं के कारण सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
रूस पर लगाया गया आरोप
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने इन ड्रोन घटनाओं के लिए रूस पर आरोप लगाए हैं.उन्होंने कहा कि भले ही अधिकारियों ने यह तय नहीं किया है कि ड्रोन दिखने के पीछे कौन जिम्मेदार है, लेकिन यह साफ है कि यूरोप की सुरक्षा के लिए एक ही देश सबसे बड़ा खतरा पैदा कर रहा है और वह रूस है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से यूरोप को सतर्क रहने की जरूरत है.
पुतिन ने खारिज किया आरोप
हालांकि, रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है .उन्होंने कहा कि रूस के पास इतने लंबे दूरी तक उड़ने वाले ड्रोन नहीं हैं और जो भी दावे किए जा रहे हैं, वह वास्तविकता से दूर हैं. पुतिन ने यूरोप पर ‘ड्रोन हिस्टीरिया’ फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि रूस के पास लंबी दूरी की मिसाइलें जरूर हैं, लेकिन ड्रोन नहीं.इस बयान के बाद यूरोप और रूस के बीच ड्रोन को लेकर तनाव बढ़ गया है.