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भारत के बुलेट ट्रेन के लिए चीन का तोहफा, ड्रैगन भेज रहा 'समंदर का सिकंदर', जो बन रहा था रोड़ा, अब वही बढ़ाएगा रफ्तार

भारत के बुलेट ट्रेन के लिए चीन का तोहफा, ड्रैगन भेज रहा 'समंदर का सिकंदर', जो बन रहा था रोड़ा, अब वही बढ़ाएगा रफ्तार

Bullet Train: भारत में बुलेट ट्रेन की रफ्तार आपको जल्द देखने मिलेगी. गोली की स्पीड से ट्रेन पटरी पर दौड़ेगी और घंटों का सफर मिनटों में पूरा होगा. जिस दूरी को तय करने में अभी ट्रेन को अभी 7 से 8 घंटे का वक्त लगता है, उसे बुलेट ट्रेन 2 घंटे में पूरी कर लेगी. उम्मीद की जा रही है कि 2027 से बुलेट ट्रेन लोग भारत में हाई स्पीड बुलेट ट्रेन का सफर कर सकेंगे.

 भारत की पहली बुलेट ट्रेन की सबसे बड़ी बाधा हल

भारत के बुलेट ट्रेन निर्माण में सबसे बड़ी मुश्किल टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) थी, जो चीन की वजह से सालों से फंसी हुई थी. इस मशीन की वजह से बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए अंडरग्राउंड सुरंग बनाने का काम काफी स्लो चल रहा था. पीएम मोदी के चीन दौरे के बाद चीन उस विशाल टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) को देने के लिए तैयार हो गया है, जो लंबे वक्त से चीन के एक बंदरगाह पर फंसा था. उम्मीद है कि अब ये मशीन जल्द ही भारत आएगी, जिससे अंडरग्राउंड सुरंग बनाने का काम जनवरी 2027 में शुरू हो जाएगा.  

भारत पहुंच रही है चीनी मशीन  

टीबीएम मशीन को लेकर बुलेट ट्रेन परियोजना में देरी की आशंका थी. 1.08 लाख करोड़ रुपये की मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना में देरी हो रही थी. चीन और भारत के बीच संबंधों में तनाव के चलते ये मशीन भारत तक पहुंच नहीं पा रही थी, लेकिन पीएम मोदी के चीन दौरे के बाद अब संकट के बादल छट गए हैं. और दोनों टीबीएम का ऑर्डर जल्द भारत पहुंचने वाला है. बता दें कि कि टीबीएम मशीन जर्मन टनलिंग कंपनी हेरेनक्नेच से दिया गया था, लेकिन इनका निर्माण चीन के ग्वांगझू स्थित इसके कारखाने में किया गया था, लेकिन लंबे वक्त से ये मशीन चीनी बंदरगाह पर रुकी हुई थीं. बीजिंग की ओर से आधिकारिक रोक के चलते मशीन भारत नहीं पहुंच पा रही थी. इस मशीन के अभाव में प्रोजेक्‍ट का काम अटक रहा था.  

मुंबई अहमदाबाद कॉरिडोर पर कोरिडोर मुंबई के बांद्रा कुर्ला कांप्‍लेक्‍स में बना रहे मुंबई स्टेशन से शुरू हो रहा है. करीब 21 किलोमीटर लंबी टनल बन रही है. जिसमें से 7 किलोमीटर टनल समुद्र के अंदर बन रही है. और इसी टनल की खुदाई के लिए टीबीएम ( टनल बोरिंग मशीन) की जरूरत थी, जो चीन से आनी थी. इसकी वजह से टनल के कुछ हिस्‍से का काम रुका हुआ था. इस मशीन की मदद से बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत समुद्र के नीचे बनने वाले टनल का काम पूरा होना है.  बता दें कि बुलेट ट्रेन के पूरे प्रोजेक्ट में 508 किमी. लंबी टनल बननी है, जिसमें से 21 किलोमीटर की लाइन अंडरग्राउंड है. 12 स्टेशन वाले इस रेल प्रोजेक्ट ट्रेन जमीन से लेकर समंदर के नीचे से गुजरने वाली है. 508 किमी का लंबा बुलेट ट्रेन रूट ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. मुंबई से अहमदाबाद की दूरी को सिर्फ 2 घंटे में पूरा करेगी.