इंसानी बस्ती की तरफ बढ़ जाता है वन्य जीवों का रुख
इधर घटना की सूचना मिलते ही वाल्मीकिनगर वन विभाग की स्नेक कैचर टीम मौके पर पहुंची और लगभग एक घंटे के प्रयास के बाद सांप को सुरक्षित अपने कब्ज़े में लिया. गनीमत इस बात की रही कि इस दौरान न तो सांप को कोई क्षति पहुंची और न ही वहां मौजूद कोई इंसान किसी हादसे का शिकार बना. रेस्क्यू के बाद सांप को VTR डिविजन दो के वाल्मिकीनगर रेंज स्थित जटाशंकर वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया.
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वन क्षेत्र के रेंजर श्रीनिवासन नवीन बताते हैं कि गर्मी के मौसम में जंगलों के जलस्रोत सूखने से सरीसृप सहित अन्य वन्य जीव इंसानी बस्तियों की ओर रुख करते हैं. बस यही कारण है कि गर्मियों में इंसानों से उनका सामना कई गुना बढ़ जाता है.
एशिया के सबसे विषैले सांपों में से एक है रसल वाइपर
पिछले दो दशक से वाइल्ड लाइफ पर काम कर रहे एक्सपर्ट स्वप्निल खताल बताते हैं कि रसल वाइपर को भारत के चार सबसे विषैले सांपों की श्रेणी में रखा गया है, जिसके दंश से हर वर्ष सबसे अधिक मौतें होती हैं. इनमें स्पेक्टिकल्ड कोबरा, कॉमन करैत, रसल वाइपर और सॉ स्केल्ड वाइपर शामिल हैं. भारत में इन्हें बिग फोर के नाम से जाना जाता है.