'पाकिस्तान को कोई मजबूर नहीं कर सकता'
बयान में कहा गया है, ''कोई भी पाकिस्तान को बल प्रयोग या बल प्रयोग की धमकी देकर मजबूर नहीं कर सकता। राष्ट्र अपने महत्वपूर्ण हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।'' यह बैठक भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चार दिनों की तीव्र संघर्ष के बाद सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की दोनों पक्षों के बीच एक सहमति बनने के लगभग डेढ़ सप्ताह बाद आयोजित हुई।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान को सिखाया सबक
भारतीय सेना का कहना है कि भारतीय सैन्य ठिकानों को लक्षित करने के पाकिस्तान के प्रयासों के जवाब में भारत द्वारा आठ पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के बाद पाकिस्तान ने 10 मई को सैन्य कार्रवाइयां रोकने का अनुरोध किया था। पाकिस्तान सेना ने बयान में कहा, ''पाकिस्तान ने रणनीतिक संयम और संचालनात्मक स्पष्टता के साथ जवाब दिया, जिससे न केवल प्रतिरोध क्षमता बल्कि नैतिक अधिकार भी बरकरार रहा।''
बैठक में किन मुद्दों पर हुई चर्चा
बयान के अनुसार बैठक में "किसी भी आक्रामक या दुस्साहसपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के पाकिस्तान के अडिग संकल्प" को दोहराया गया। इस बैठक में बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में सक्रिय आतंकवादियों से उत्पन्न खतरे पर गहराई से विचार-विमर्श किया गया। बयान में कहा गया कि संकल्प लिया गया कि पाकिस्तान कभी भी बाहरी प्रायोजित आतंकवाद के कारण अपनी शांति से समझौता नहीं होने देगा।
अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचने की कोशिश
बयान में कहा गया है कि इन कमांडर ने ''दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा को और बिगड़ने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय ध्यान और हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया, साथ ही कश्मीरियों के लिए पूर्ण राजनयिक, राजनीतिक, नैतिक और मानवीय समर्थन दोहराया।''