INS तमाल को करवार नौसैनिक अड्डे पर रखा जाएगा और इसकी तैनाती पश्चिमी नौसैनिक कमान में की जाएगी. रूस से निकलकर कई देशों की नौसेनाओं के साथ अभ्यास करते हुए भारतीय नौसेना का वॉरशिप INS तमाल कल अपने वतन वापस पहुंच जाएगा. तमाल को 1 जुलाई को रूस के कलिनिनग्राद स्थित यांतर शिपयार्ड में हुई सेरेमनी में नेवी में कमीशन किया गया था. INS तमाल मल्टी-रोल स्टील्थ फ्रिगेट है इसके कमिशनिंग सीओ कैप्टन श्रीधर टाटा हैं.
अब कोई और वॉरशिप बाहर से नहीं खरीदा जाएगा
2016 में भारत और रूस के बीच 4 तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट बनाने को लेकर समझौता हुआ था. इनमें से 2 रूस में और 2 भारत में बनने थे. रूस में बने तुशील को पिछले साल ही नौसेना में शामिल किया गया था और इस साल नौसेना को तमाल भी मिल गया. अब कोई और वॉरशिप बाहर से नहीं खरीदा जाएगा.
भगवान इंद्र की पौराणिक तलवार से प्रेरित है नाम
INS तमाल एक स्टील्थ (रडार से बचने वाला) और मल्टी-रोल युद्धपोत है. यह रूस से मिलने वाली क्रिवाक क्लास फ्रिगेट्स की सीरीज का 8वां और आखिरी वॉरशिप है. INS तमाल का नाम भगवान इंद्र की पौराणिक तलवार से प्रेरित है.
INS तमाल की खासियतें
अत्याधुनिक सर्विलांस रडार और सेंसर से लैस.
दुश्मन के जहाजों और पनडुब्बियों पर सटीक निशाना साधने की क्षमता.
लंबी दूरी तक मार करने वाली एंटी-शिप और सरफेस-टू-एयर मिसाइलें.
अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और स्वदेशी नेविगेशन तकनीक.
बेहतर स्टेल्थ डिज़ाइन, जिससे रडार पर पकड़ना मुश्किल.
हेलिकॉप्टर संचालन के लिए डेक की सुविधा.
पश्चिमी समुद्री क्षेत्र में मजबूत होगी नौसेना की ताकत
INS तमाल के शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत पश्चिमी समुद्री क्षेत्र में और ज्यादा मजबूत होगी. यह जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री सुरक्षा और सतर्कता को नई धार देने में अहम भूमिका निभाएगा.