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मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में बड़ा अपडेट, महाराष्ट्र में पहला प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट बॉक्स गर्डर सफलतापूर्वक लॉन्च

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में बड़ा अपडेट, महाराष्ट्र में पहला प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट बॉक्स गर्डर सफलतापूर्वक लॉन्च

मुंबई: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में एक बड़ी सफलता मिली है। NHSRCL ने महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर 40 मीटर लंबा पहला प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट (PSC) बॉक्स गर्डर सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। यह काम दहानू के सखारे गांव में हुआ। इस गर्डर को फुल स्पैन लॉन्चिंग गैन्ट्री (FSLG) तकनीक से लॉन्च किया गया।

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की क्या स्पीड?

एनएचएसआरसीएल के एक बयान के अनुसार, शिलफाटा और गुजरात-महाराष्ट्र सीमा के बीच 13 कास्टिंग यार्ड बनाए जाएंगे। इनमें से 5 अभी काम कर रहे हैं। बयान में यह भी कहा गया है कि यह तकनीक अप्रैल 2021 से बुलेट ट्रेन परियोजना में इस्तेमाल हो रही है। इससे गुजरात में 319 किलोमीटर वायाडक्ट का काम पूरा हो चुका है। हर 40 मीटर लंबा PSC बॉक्स गर्डर लगभग 970 मीट्रिक टन का है। यह भारत के निर्माण उद्योग में सबसे भारी है। इन गर्डरों को एक ही यूनिट में बनाया जाता है। इसमें कोई जोड़ नहीं होता। इन्हें बनाने में 390 क्यूबिक मीटर कंक्रीट और 42 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल होता है। फुल-स्पैन गर्डर बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए बेहतर हैं। क्योंकि इनसे सेगमेंटल गर्डर की तुलना में 10 गुना तेजी से काम हो सकता है।

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ठाणे, विरार और बोईसर पर काम तेजी सेफुल-स्पैन प्री-कास्ट बॉक्स गर्डरों को लॉन्च करने के लिए खास मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें स्ट्रैडल कैरियर, ब्रिज लॉन्चिंग गैन्ट्री, गर्डर ट्रांसपोर्टर और लॉन्चिंग गैन्ट्री शामिल हैं। गर्डरों की सप्लाई में कोई रुकावट न हो, इसलिए उन्हें पहले से ही कास्टिंग यार्ड में बनाकर रखा जा रहा है। 5 सितंबर तक महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। तीनों एलिवेटेड स्टेशनों - ठाणे, विरार और बोईसर पर काम तेजी से हो रहा है। विरार और बोईसर स्टेशन के लिए पहली स्लैब डाली जा चुकी है। पियर फाउंडेशन और पियर का काम कई जगहों पर चल रहा है। अब तक लगभग 48 किलोमीटर पियर बनाए जा चुके हैं।