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नोएडा व ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ अब होगी ये सुविधा, गांव और सेक्टर के लोगों को मिलेगा लाभ

नोएडा व ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ अब होगी ये सुविधा, गांव और सेक्टर के लोगों को मिलेगा लाभ

जागरण संवाददाता, नोएडा। नोएडा-ग्रेनो नोएडा एक्सप्रेसवे किनारे बसी औद्योगिक, संस्थागत, आवासीय सेक्टरों के साथ-साथ गांव में जल भराव व सीवर की समस्या न हो। इसके स्थाई निदान पर नोएडा प्रााधिकरण ने काम शुरू कर दिया है।

निर्णय लिया है कि जल्द नोएडा प्राधिकरण नोएडा ग्रेनो एक्सप्रेसवे के समानांतर ग्रीन बेल्ट के दायीं-बायीं ओर चैनेज 10.30 किमी से 20 किमी तक गहरी सीवर लाइन की मरम्मत कराई जाएगी।

इस काम पर प्राधिकरण 40 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए जल्द टेंडर जारी कर कंपनी का चयन किया जाएगा इसके बाद गहरी सीवर लाइन का काम शुरू होगा।

बता दें कि यह काम उत्तर प्रदेश जल निगम को पूरा करना था। 2002 में इसके लिए नोएडा प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश जल निगम के बीच अनुबंध साइन हुए थे। इस अनुबंध को आंशिक रूप से निरस्त कर दिया गया है।
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार खत्री ने बताया कि डीप सीवर लाइन का काम 40 करोड़ रुपये में किया जाएगा। जबकि इसी काम को जल निगम 63.36 करोड़ में 1.5 साल में पूरा करता।

इसीलिए अनुबंध को आंशिक निरस्त किया गया। इसका फैसला बोर्ड में लिया जा चुका है। इस एरिया में लगातार औद्योगिक, संस्थागत, आवासीय और ग्रामीण आबादी बढ़ रही है।

यहां पहले डाली गई सीवरेज लाइन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। ऐसे में निकलने वाले सीवेज नोएडा ग्रेटनो एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रीन बेल्ट में जगह-जगह भर जाता है।

सीवर लाइन बन जाने के बाद एक्सप्रेसवे से जुड़े सेक्टर, गांव और सड़कों पर जलभराव की समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। जल निगम से अनुबंध के तहत एडवांट टावर से ग्रेटर नोएडा बार्डर तक दोनों तरफ चारों डीप सीवर लाइन का निर्माण जल निगम ने नहीं कराया।

महज ग्रेविटी लाइन, राइजिंग लाइन व आरसीसी वेल का निर्माण किया गया। इसी बीच एक्सप्रेसवे तीनों अंडरपास, एक्वा मेट्रो लाइन और डीएफसीसीआइएल की वजह से ग्रेविटी लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। यह लाइन वर्ष 2003-04 में डाली गई थी, पूरी तरह से अक्रियाशील है।