इन सबके बीच मौसम विभाग द्वारा लगातार भारी बारिश की दी जा रही चेतावनी की वजह से अभी लोग डरे-सहमे हुए हैं। बारिश के बीच खुद व परिवार को सुरक्षित रखने की व्यवस्था में जुटे हुए हैं।
आपको बता दें कि करीब पांच दिन से जिले के मैदानी और पर्वतीय इलाकों में रुक रुक कर बारिश हो रही है। बारिश से जहां तापमान में गिरावट हुई है, वहीं अब कच्चे मकानों के क्षतिग्रस्त होने और सड़कों के बार बार बंद होने के कारण जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित होने लगा है।
जिले के केया, मादा, पखलाई, लाड़, बिंडला व अन्य कई ग्रामीण इलाकों में दो दिन के अंदर ही बारिश के कारण करीब एक दर्जन कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
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ग्रामीणों को सता रहा डर
इन मकानों में रहने वाले ग्रामीणों के लिए अब रात गुजारना मुश्किल हो गया है। किसी के कमरे की दीवार गिर गई है तो किसी की छत को नुकसान पहुंचा है। किसी का मवेशियों का कमरा क्षतिग्रस्त हो गया है। अब यह डर सता रहा है कि अगर इसी तरह बारिश रही तो उनका बचा हुआ मकान भी गिर जाएगा। लाड़ के रहने वाले मदन लाल, शांति देवी व अन्य कई ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि हमारी मदद की जाए, क्योंकि अगर इसी तरह से बारिश होती रही तो हमारे मकान पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो जाएंगे।
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सड़कों को भी पहुंचा है भारी नुकसान
बार बार बारिश से रामनगर, पंचैरी और मोंगरी तहसील में सड़कों को लगातार नुकसान पहुंच रहा है। रविवार देर रात को बारिश होने पर रामनगर-बसंतगढ़ मार्ग रात को ही बंद हो गया। सुबह मौसम में सुधार होने पर मार्ग को खोलने का काम शुरू किया गया और दोपहर के समय वाहनों की आवाजाही सुचारु रूप से चल सकी।
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इसी तरह मोंगरी में लड्डा मार्ग पर भी बार बार वाहनों की आवाजाही प्रभावित होती रही और ग्रामीण परेशानियों का सामना करने को मजबूर रहे। शहर के अंदर सुबह और दोपहर के समय रुक रुक कर हल्की बारिश हुई। बारिश कम होने के कारण जलभराव नहीं हुआ और लोगों ने राहत की सांस ली।